US: एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन से की बात, समुद्री सुरक्षा सहित अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा

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US: एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन से की बात, समुद्री सुरक्षा सहित अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा
Image Source : Social Media

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत के साथ-साथ दुनिया भर में समुद्री सुरक्षा चिंता का एक बड़ा विषय हैं। इस लिहाज से विदेश मंत्री ने अमेरिका के विदेश मंत्री से बात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने लाल सागर क्षेत्र पर विस्तार से चर्चा की। चर्चा के दौरान समुद्री सुरक्षा के साथ-साथ गाजा की परिस्थितियों पर भी बात की गई।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को ट्वीट कर बातचीत की जानकारी दी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मैंने आज शाम अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन के साथ चर्चा की। हमने समुद्री सुरक्षा चुनौतियों पर बात की। लाल सागर पर अधिक जोर दिया गया। मैंने गाजा सहित पश्चिमी एशियाई देशों के बीच जारी अमेरिकी नीतियों की सराहना की। रूस-यूक्रेन में जारी संघर्ष पर भी हमने अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने अमेरिकी विदेश सचिव से कहा कि लाल सागर संघर्ष ने व्यापार को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। परिवहन की लागत में बढ़ोत्तरी हुई है। समुद्र में व्यापारिक जहाजों पर हौती द्वारा हमला किया जा रहा है। यह चिंता का विषय बनता जा रहा है। हौतियों आंतकियों का विद्रोह इस्राइल-हमास युद्ध का परिणाम है। हालांकि, अमेरिका का कहना है कि वह जल्द ही इसे सुलझाने की कोशिश करेंगे।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, पिछले सप्ताह ही, लाल सागर में हूती विद्रोहियों के मालवाहक जहाजों पर हमले को लेकर विदेश मंत्रालय ने चिंता जाहिर की थी। समुद्री लुटेरों का फिर से सक्रिय होना पूरे विश्व के लिए एक चिंता का विषय बन गया हैं। गौरतलब है कि 2017 में अंतरराष्ट्रीय साझेदारी में कई देशों की नौसेना के विशेष अभियान ने इन लुटेरों का लगभग सफाया कर दिया था।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अनुसार, मौजूदा स्थिति के कारण भारत को दीर्घकालिक शिपिंग व्यवधानों के लिए तैयार रहना चाहिए। व्यापारी जहाजों पर ड्रोन और मिसाइलों के हमले से शिपिंग लागत और माल पहुंचाने में लगने वाले समय में बढ़ोत्तरी होती है। इससे निर्यातकों के मार्जिन पर असर पड़ता है। पश्चिम अफ्रीका, अमेरिका और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों से कच्चे तेल के आयात में विविधता लाना आवश्यक है। भारत अपने समुद्री हितों की रक्षा के लिए कदम उठा सकता। हमलों के कारण, शिपर्स केप ऑफ गुड होप के माध्यम से खेप ले जा रहे हैं, जिस वजह से 20 दिनों की देरी हो रही है।

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