मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के आपूर्तिकर्ताओं पर प्रतिबंधित करने के मामले में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि यह ऐसी संस्थाएं सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसारक और उनके वितरण का साधन थीं। इसलिए इन पर प्रतिबंध लगाया गया। सभी संस्थाएं चीन और बेलारूस में स्थित थीं। हम प्रसार नेटवर्क और सामूहिक विनाश के हथियारों की खरीदी के खिलाफ कार्रवाई करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मैं उन सभी को चेतावनी देता हूं, जो भी ईरान के साथ व्यापारिक सौदा पर विचार कर रहे हैं। उन सभी को भविष्य के प्रतिबंध और कार्रवाई के लिए तैयार होना होगा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमेरिका ने हाल ही में चीन की तीन और बेलारूस की एक कंपनी पर प्रतिबंध लगाया था। इन कंपनियों पर यह प्रतिबंध पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल के पुर्जे मुहैया कराने के लिए लगाया गया था। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने यह जानकारी दी थी। अमेरिका ने चीन की जिन तीन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें लॉन्गडे टेक्नोलॉजी डेवलेपमेंट की शी, तियानजिन क्रिएटिव सोर्स इंटरनेशनल ट्रेड और ग्रानपेक्ट कंपनी लिमिटेड का नाम शामिल है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, वहीं बेलारूस की मिंस्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इन चारों कंपनियों पर पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम में मदद करने का आरोप है। मैथ्यू मिलर ने कहा कि ये कंपनियां भारी तबाही वाले हथियारों के प्रसार में शामिल पाई गई हैं। जिसके चलते इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। अमेरिका के विदेश विभाग ने बताया कि बेलारूस की कंपनी मिंस्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट कंपनी पाकिस्तान के लंबी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के लिए विशेष व्हीकल चेसिस मुहैया कर रही थी। ये चेसिस बैलिस्टिक मिसाइल में लॉन्च सपोर्ट में इस्तेमाल होता है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि चीन की कंपनी ग्रानपेक्ट कंपनी लिमिटेड, पाकिस्तान में लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल तैयार करने वाले निकाय नेशनल डेवलेपमेंट कॉम्पलैक्स (एनडीसी) को फिलामेंट विंडिंग मशीन मुहैया कर रही थी। यह मशीन रॉकेट मोटर में इस्तेमाल की जा रही थी। चीन की ही कंपनी तियानजिन क्रिएटिव सोर्स इंटरनेशनल ट्रेड कंपनी लिमिटेड पाकिस्तान को वेल्डिंग संबंधी औजार और एक्सीलेटर सिस्टम देने में संलिप्त पाई गई। तियानजिन कंपनी का संबंध चीन की सेना के साथ भी पाया गया है।
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