मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को दो साल हो गए हैं। इस अवसर पर अमेरिका ने एक बार फिर रूस के खिलाफ सख्ती बरती है। अमेरिका ने रूस के खिलाफ 500 से अधिक नए प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका के साथ-साथ ब्रिटेन और यूरोपियन संघ ने भी रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि आज मैं यूक्रेन पर विजय के लिए चल रहे युद्ध और साहसी भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता एलेक्सी नवलनी की मौत के कारण रूस के खिलाफ 500 से अधिक नए प्रतिबंधों की घोषणा कर रहा हूं।
जानकारी के लिए बता दें कि, व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान के अनुसार, बाइडन ने कहा कि यह प्रतिबंध नवलनी के कारावास से जुड़े व्यक्तियों के साथ-साथ रूस के वित्तीय क्षेत्र, रक्षा औद्योगिक आधार और खरीद नेटवर्क सहित अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करेंगी। बाइडन का कहना है कि वे सुनिश्चित करेंगे कि दुनिया भर में पुतिन को आक्रामकता के लिए और अधिक कीमत चुकानी पड़े। अमेरिका के साथ-साथ दुनिया भर के 50 देश रूस के खिलाफ यूक्रेन के साथ खड़े हैं। आक्रमकता के लिए हम रूस को जवाबदेह ठहराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बिडेन ने आगे कहा कि यूक्रेन के लोग बहादुर हैं। वे अपनी स्वतंत्रता और भविष्य की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। वे रूस के साथ लड़ते रहेंगे। नाटो मजबूत और अधिक एकजुट है। इसके अलावा, बाइडन ने अप्रत्यक्ष रूप से रूस मदद करने वाले 100 संस्थाओं पर नए निर्यात प्रतिबंध भी लगाए हैं। हम रूस के ऊर्जा राजस्व को और कम करने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं। ब्रिटेन ने भी रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए हैं। पाबंदी के नए पैकेज की घोषणा करते हुए ब्रिटेन ने कहा कि वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शस्त्रागार और युद्ध को कम करने की कोशिश कर रहा है। उसने 50 से अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं को कवर करने वाले पैकेज की घोषणा की। विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने कहा, हमारे आर्थिक दबाव का रूस पर असर पड़ा है।
जानकारी के लिए बता दें कि, ब्रिटेन और अमेरिका के अलावा, यूरोपीय संघ (ईयू) ने भी कार्रवाई की है। शुक्रवार को ईयू ने भारत सहित रूस, चीन, कजाखस्तान, सर्बिया, थाईलैंड, श्रीलंका और तुर्की में पंजीकृत 27 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया। ईयू ने ये प्रतिबंध रूस और यूक्रेन संघर्ष के दो साल पूरे होने के मौके पर लगाए हैं। यूरोपीय संघ की तरफ से जारी बयान में अभी इन कंपनियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इन कंपनियों के कारोबार में दोहरे यानी सैन्य व नागरिक इस्तेमाल का आरोप है।
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