मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत, जापान, चीन और रूस के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन के जेनोफोबिक वाले बयान का व्हाइट हाउस ने बचाव किया। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने कहा, हमारे सहयोगी और साझेदार अच्छी तरह से जानते हैं कि राष्ट्रपति बाइडन उनका कितना सम्मान करते हैं। वह इस बारे में टिप्पणी कर रहे थे कि आप्रवासियों का देश में होना कितना जरूरी है और यह हमारे देश को कैसे मजबूत बनाते हैं। वह इस बारे में इसलिए बात कर रहे थे क्योंकि यह हमारे सहयोगियों के साथ हमारे संबंधों से जुड़ा है। हमारे निश्चित तौर पर जापान और भारत के साथ मजबूत संबंध हैं। राष्ट्रपति ने बीते तीन वर्षों में इन देशों के साथ राजनयिक संबंधों को मजबूत करने पर फोकस किया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दरअसल, बाइडन ने कहा था कि भारत, चीन, जापान और रूस जैसे देश जेनोफोबिक हैं। इसके चलते उनकी अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है। जेनोफोबिक का अर्थ एक प्रकार के डर से होता है, जो बाहरी लोगों को आने से रोकता है। राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि भारत जैसे देश बाहरी लोगों का स्वागत नहीं करते। यही वजह है उनकी अर्थव्यवस्था ज्यादा नहीं बढ़ पाई।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से जब पूछा गया कि भारत सरकार ट्विटर, फेसबकु जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से आलोचना करने वाले कंटेंट को हटा रही है और चैनल्स को ब्लॉक कर रही है, तो इस पर उन्होंने कहा कि हम निश्चित तौर पर दुनियाभर में अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करते हैं।
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