मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आयुर्वेद में कहा जाता है ‘द्राक्षा फलत्तमा’ यानी सभी फलों में अंगूर सबसे उत्तम होता है। लेकिन आज के समय में अंगूर उगाने के लिए बड़े पैमाने पर कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है, जिस वजह से ये खतरनाक भी हो सकते हैं।
आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार के अनुसार, स्वस्थ रहने और कीटाणुओं या कीटनाशकों के सेवन से बचने के लिए अंगूरों को अच्छी तरह से धोना जरूरी है। आइए जानते हैं अंगूरों को अच्छी तरह धोने के कुछ आसान तरीके।
अंगूर धोने का दूसरा तरीका।
एक बाउल में पानी भरें और उसमें 2 बड़े चम्मच समुद्री नमक और 2 बड़े चम्मच बेकिंग सोडा डालें। इन्हें पानी में अच्छी तरह घुलने दें, फिर अंगूर डालें, ध्यान रखें कि अंगूर पानी में पूरी तरह से डूबे हों। अंगूरों को लगभग 5 मिनट के लिए भिगो दें।
सेहत का खजाना हैं खट्टे-मीठे अंगूर।
जब हम फल बाजार जाते हैं, तो हमें हमेशा मीठे अंगूर नहीं मिलते हैं। हमें कभी थोड़े मीठे और थोड़े खट्टे अंगूर मिल सकते हैं, तो कभी ज्यादा खट्टे और थोड़े मीठे। इनमें से हर तरह के अंगूर का हमारे शरीर के त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) पर और हमारे पूरे स्वास्थ्य पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है।
अंगूर के औषधीय गुण।
गुण – स्निग्ध (चिकना, तैलीय) गुरु (भारी)
रस – मधुर (मीठा), कषाय (कसैला)
विपाक – मधुर
वीर्य – शीत
त्रिदोष पर प्रभाव – वात और पित्त को संतुलित करता है
अंगूर खाने के फायदे।
रेचक (आसानी से मल त्याग करने में मदद करता है)
प्राकृतिक रूप से शरीर को ठंडा रखता है।
आंखों के लिए बहुत अच्छा
पौष्टिक (बृंहण)
पेशाब का प्रवाह बढ़ाता है।
कामोत्तेजक
स्वाद को बढ़ाता है।
News & Image Source: khabarmasala
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