वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत की वृद्धि दर आठ दशमलव दो प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है और यह विश्व में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से वृद्धि का संकेत है।
वाशिंगटन में, अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष की मुद्रा और वित्तीय समिति की बैठक को संबोधित करते हुए श्रीमती सीतारामन ने कहा कि रोजगार और उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से भारत प्रमुख ढांचागत सुधार लागू करना जारी रखेगा। मौजूदा चुनौतियों की पृष्ठभूमि में श्रीमती सीतारामन ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि में कुछ कमी आ सकती है। वित्तमंत्री ने कोविड महामारी के बाद के काल में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की बड़ी भूमिका पर बल दिया। बैठक के दौरान श्रीमती सीतारामन ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सभी देशों से मिलकर काम करने और विकसित देशों से विकासशील देशों को कम कीमत पर तकनीक और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए धन उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया।
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