अमरीका की राजनीतिक मामलों की विदेश उप मंत्री विक्टोरिया नूलैंड ने कहा कि चीन ने श्रीलंका को ऋण पुनर्गठन के लिए जो पेशकश की है वह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका जल्द से जल्द श्रीलंका के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष- आईएमएफ समझौता देखना चाहता है। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि चीन, सबसे बड़े द्विपक्षीय ऋणदाता के रूप में, विश्वसनीय और विशिष्ट आश्वासन देगा जो ऋण पुनर्गठन पर आईएमएफ से मेल खाता है।
1948 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। भारत ने भोजन, ईंधन, उर्वरक और दवाओं की अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए द्वीप राष्ट्र को 4 अरब डॉलर की अभूतपूर्व सहायता दी थी। भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे द्वीप राष्ट्र के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के 2 अरब 90 करोड़ डॉलर के बेलआउट पैकेज को अनलॉक करने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता जताई है, अब तक, भारत एकमात्र द्विपक्षीय ऋणदाता रहा है जिसने आईएमएफ के पैकेज के अनुरूप वित्तपोषण का आश्वासन दिया है।
News & Image Source : newsonair.gov.in
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