मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका में करीब चार वर्ष तक कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे राष्ट्रपति जो बाइडन और निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बुधवार को व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई। मुलाकात में बाइडन ने पूर्व वादे के अनुसार जनवरी में सामान्य तरीके से सत्ता के हस्तांतरण का वचन दिया। ओवल हाउस में हुई दोनों नेताओं की मुलाकात सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। ट्रंप का बाइडन और उनकी पत्नी जिल ने स्वागत किया। इस दौरान जिल बाइडन ने ट्रंप को पत्नी मेलानिया के लिए हस्तलिखित शुभकामना संदेश भी दिया। 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन ने ट्रंप को हरा दिया था, उसके बाद हालात तनावपूर्ण बन गए थे और ट्रंप ने चुनाव में गड़बड़ी होने का आरोप लगाते हुए बाइडन को जीत की बधाई नहीं दी थी। उसी दौरान ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी संसद पर हमला कर उस पर कब्जा कर लिया था। इस बार के चुनाव में भी दोनों ओर से हुए व्यक्तिगत आक्षेपों के बाद जुलाई में बाइडन ने अपनी उम्मीदवारी छोड़ी थी। प्रचार के दौरान बाइडन ने जहां ट्रंप को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया था, वहीं ट्रंप ने बाइडन को अक्षम कहा था। उसी के बाद कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़ीं थीं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार को हुई मुलाकात के बाद बाइडन ने कहा, हम भविष्य की ओर देख रहे हैं। जैसा कि पहले कह चुका हूं सत्ता का सुगम हस्तांतरण होगा। वह सारे कार्य होंगे जो आपके लिए (ट्रंप के लिए) सुविधाजनक होंगे। हम वापसी के लिए आपका स्वागत करते हैं। इसके जवाब में ट्रंप ने कहा, राजनीति कठोर होती है और विश्व में तमाम उदाहरण हैं जिनमें राजनीतिक अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं। लेकिन आज बहुत अच्छा लग रहा है। सत्ता के सुगम हस्तांतरण के लिए जिस तरह का माहौल बना है उसके लिए जो (बाइडन) की प्रशंसा करता हूं। इस दौरान संवाददाताओं ने कई प्रश्न पूछे लेकिन ट्रंप उन्हें अनसुना करते हुए चले गए। वाशिंगटन दौरे में बुधवार को निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रतिनिधि सभा में चुनाव जीतकर आए अपनी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों से भी मिले। उन्होंने सदन में पार्टी की स्थिति पर संतोष जताया। कहा, जीत हमेशा अच्छी होती है। इस दौरान ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के तीसरे कार्यकाल में भी कार्य करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि इसके लिए संविधान में बदलाव हो सकता है। अमेरिका में वर्तमान संवैधानिक व्यवस्था में कोई भी व्यक्ति दो कार्यकाल से ज्यादा राष्ट्रपति पद पर नहीं रह सकता है। इस संवैधानिक व्यवस्था में बदलाव तभी हो सकता है जब अमेरिका के सभी राज्यों की असेंबली तीन चौथाई बहुमत से प्रस्ताव पारित करें। राष्ट्रपति का कार्यकाल बढ़ाने के लिए संविधान में संशोधन की यह प्रक्रिया करीब सात वर्ष लंबी है। विदित हो कि फ्रैंकलिन डी रुजवेल्ट 1933 में राष्ट्रपति बनने के बाद 1945 में मृत्यु होने तक राष्ट्रपति रहे थे। वह अमेरिका के दो कार्यकाल से ज्यादा राष्ट्रपति रहने वाले इकलौते व्यक्ति हैं। उन्हीं के बाद संविधान में संशोधन कर अधिकतम दो बार राष्ट्रपति बनने की व्यवस्था बनी। इस बीच सीनेट में बहुमत में आए रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने बुधवार को जान ट्यून को अपने नेता चुन लिया। यह चुनाव एक वर्ष के लिए हुआ है।
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