मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कल गुवाहाटी में दोनों राज्यों के बीच विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श करने के लिए एक बैठक की। संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि इस बैठक में अंतर्राज्यीय सीमा विवाद और गुवाहाटी की कृत्रिम बाढ़ के मुद्दे पर चर्चा की गई। बैठक में असम – मेघालय सीमा पर कुलसी में एक बहुददेशीय परियोजना के प्रस्तावित निर्माण पर भी विचार विमर्श किया गया। असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों राज्य की सरकारों ने इससे पहले आपसी समझौते के जरिए छह क्षेत्रों में विवादों का निपटारा किया है। इस बैठक में दोनों पक्षों ने पिलांगकाटा क्षेत्र को छोडकर पंद्रह अगस्त तक शेष पांच स्थानों पर सीमा स्तम्भ स्थापित करने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों के उपायुक्त पिलांगकाटा क्षेत्र से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिए बैठक करेंगे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुवाहाटी की कृत्रिम बाढ़ के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। मेघालय में तीन स्थानों से प्रवाहित होने वाले जल से गुवाहाटी शहर में बाढ़ आने पर एक प्रस्तुति के जरिए मेघालय सरकार को जानकारी दी गई। डॉक्टर सरमा ने बताया कि यह पहली बार है जब दोनों सरकारों ने इस मुद्दे पर औपचारिक चर्चा की है। इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि उत्तर-पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र -एन इ एस एसी को खानापारा, जूरीपार और जोराबाट क्षेत्रों के उपग्रह मानचित्रण के लिए तैनात किया जायेगा। यह मानचित्रण तीन महीनों में पूरा कर लिया जायेगा। यह मानचित्रण मेघालय से गुवाहाटी में जल प्रवाह के विशेष स्त्रोतों की पहचान करेगा। यहां से प्राप्त आंकडे विश्लेषण के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुडकी भेजे जायेंगे। दोनों सरकारें संस्थान द्वारा की गई अनुसंशाओं को संयुक्त रूप से कार्यान्वित करेंगी।
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