आज अक्षय नवमी देश में उल्लास के साथ मनाई गई

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अक्षय नवमी उत्सव के अवसर पर भक्तों ने “आंवला वृक्ष” की पूजा की। आज कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को ऑवला नवमी कहा जाता है। साथ ही यह तिथि अक्षय तिथि के नाम से भी सनातन परंपरा में विख्यात है और यह पूरे वर्ष की कुछ क्षेष्ठतम तिथियों में से एक मानी जाती है। भारत के सनातन धर्म और संस्कृति में मान्यता है कि, आज के दिन किए गए दान – पुण्य का फल अक्षय होता है। आज के दिन मथुरा नगरी की परिक्रमा करने का विशेष महत्त्व है। आज ऑंवला नवमी है। ऐसा माना जाता है कि, सब वृक्षों से पहले ऑंवला ही प्रकट हुआ था। इसलिए इसे आदिरोह कहा गया। ऑंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को प्रिय है। माना जाता है कि, जिस घर में सदा ऑंवला रखा रहता है, वहॉं बाहरी बाधाएं प्रवेश नहीं करती हैं। कार्तिक शुक्ल नवमी और कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी को ऑंवला वृक्ष के पूजन का अत्यधिक महत्त्व है। भारत में ऑवला नवमी के अवसर पर ऑवले के वृक्ष की पूजा कर ऑवले के वृक्ष के नीचे भोजन करने की भी परंपरा है।

 

 

 

 

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