साइबर अपराधों से जुड़े मामलों की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का मानना है कि आधार कार्ड में पता बदलवाने की आसान प्रक्रिया साइबर धोखाधड़ी का एक सबसे बड़ा कारण है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आधार कार्ड धारक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से कई तरीकों से अपना पता बदलवा सकता है। UIDAI ही आधार कार्ड जारी करती है। इनमें से एक तरीका यह है कि व्यक्ति UIDAI की वेबसाइट से पता-परिवर्तन प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकता है और इसे विभिन्न लोक अधिकारियों जैसे कि सांसद, विधायक, पार्षद, समूह ‘ए’ एवं समूह ‘बी’ के राजपत्रित अधिकारी और MBBS डॉक्टर से हस्ताक्षर कराकर इसे अपलोड कर सकता है।
मीडिया सूत्रों की माने तो, साइबर अपराधों की जांच में लगे पुलिस अधिकारियों का मानना है कि आधार डेटा में व्यक्तियों के पते को अपग्रेड करने की सरल प्रक्रिया साइबर धोखाधड़ी के सबसे बड़े कारणों में से एक के रूप में उभरी है। एक आधार कार्ड धारक कई तरीकों से अपना पता भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से बदलवा सकता है, जो आधार कार्ड जारी करता है। उनमें से एक यूआईडीएआई की वेबसाइट से पता-परिवर्तन प्रमाण पत्र डाउनलोड करना है और इसे विभिन्न सार्वजनिक प्राधिकरणों, जैसे सांसद, विधायक, नगरपालिका पार्षद, समूह ‘ए’ और समूह ‘बी’ के राजपत्रित अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित होने के बाद अपलोड करना है। कई हल किए गए साइबर अपराध मामलों में जांचकर्ताओं ने पाया कि जालसाजों ने आधार डेटाबेस में अपने व्यक्तिगत विवरण को अपग्रेड करने के लिए फर्जी रबर स्टाम्प और सार्वजनिक अधिकारियों के जाली हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया।
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