मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार , राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि आर्थिक प्रगति और सामाजिक विकास तभी संभव है, जब कानून का शासन कायम रहे। मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में उनसे मुलाकात करने आए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने, न्याय सुनिश्चित करने और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के बिना, प्रगति एक अर्थहीन शब्द बन जाती है।मुर्मू ने कहा कि पुलिस अधिकारियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि भारत आने वाले वर्षों में नई ऊंचाई को छूने का लक्ष्य रखता है। राष्ट्रपति ने कहा, ”आर्थिक प्रगति और सामाजिक विकास केवल तभी संभव है जब कानून का शासन कायम रहे। कानून-व्यवस्था बनाए रखने, न्याय सुनिश्चित करने और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के बिना, ‘प्रगति’ एक अर्थहीन शब्द बन जाती है।” उन्होंने पुलिस अधिकारियों से तकनीक के प्रति जागरूक होने और अपराधियों से एक कदम आगे रहने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने आईपीएस में महिला अधिकारियों की संख्या में वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की।
जानकारी के लिए बता दें कि, उन्होंने कहा, ”मुझे बताया गया है कि इस बैच में कुल 188 में से 54 महिला अधिकारी हैं। 28.72 प्रतिशत की दर से यह पिछले वर्ष की संख्या के साथ-साथ हाल के वर्षों के औसत से भी तेज वृद्धि है।” मुर्मू ने कहा कि महिला अधिकारियों की भूमिका लिंग आधारित अपराधों से निपटने से कहीं आगे तक जाती है। राष्ट्रपति ने 76 नियमित भर्ती (2023) बैच के आईपीएस परिवीक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, ”उनकी बढ़ती संख्या पुलिसिंग के समग्र चरित्र को बेहतर बना सकती है, पुलिस-समुदाय के संबंधों को बेहतर बना सकती है और यह राष्ट्र के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।” उन्होंने अधिकारियों को योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने और अपने मानसिक स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ न करने की सलाह भी दी।
Image Source : ANI
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