मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ईडी ने रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों से जुड़ी मनी लांड्रिंग जांच के तहत 1452 करोड़ रुपये की नई संपत्तियां जब्त की हैं। जांच एजेंसी ने इससे पहले अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों की 7500 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। इस प्रकार इस मामले में अब तक लगभग नौ हजार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। सूत्रों ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित इन संपत्तियों को जब्त करने के लिए मनी लां¨ड्रग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अंतरिम आदेश जारी किया गया है। एएनआइ के अनुसार, ये संपत्तियां नवी मुंबई, चेन्नई, पुणे और भुवनेश्वर में स्थित हैं। ईडी ने इस मामले में अगस्त में अनिल अंबानी से पूछताछ की थी। एजेंसी ने उन्हें विदेशी मुद्रा उल्लंघन के एक मामले में पूछताछ के लिए फिर से तलब किया है। इस महीने की शुरुआत में एजेंसी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकाम), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड से जुड़े बैंक धोखाधड़ी मामलों की जांच के सिलसिले में नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नालेज सिटी में 4462 करोड़ रुपये की 132 एकड़ से अधिक जमीन जब्त की थी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मनी लांड्रिंग की जांच सीबीआइ द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 406 और 420 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) एवं 13(1)(डी) के तहत दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें आरकाम, अनिल अंबानी और अन्य का नाम शामिल है। ईडी के अनुसार, आरकाम और समूह की अन्य कंपनियों ने 2010 और 2012 के बीच घरेलू और विदेशी दोनों तरह के ऋणदाताओं से 40,185 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। इसके बाद से नौ बैंकों ने समूह के ऋण खातों को धोखाधड़ी वाला घोषित कर दिया है। जांच से पता चला है कि एक कंपनी द्वारा लिए गए कर्ज का इस्तेमाल समूह की अन्य कंपनियों का ऋण चुकाने, संबंधित पक्षों को हस्तांतरित करने या म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए किया गया। यह ऋण शर्तों का उल्लंघन था। एजेंसी ने आरोप लगाया कि 13,600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डायवर्ट की गई, 12,600 करोड़ रुपये संबंधित पक्षों को दिए गए और लगभग 1,800 करोड़ रुपये सावधि जमा और म्यूचुअल फंड में निवेश किए गए, जिन्हें बाद में समूह की कंपनियों को हस्तांतरित कर दिया गया। कर्ज लेकर कुछ पैसे विदेश भी भेजे गए। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह ने गुरुवार को कहा कि ईडी द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकाम) की 1400 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है। यह कंपनी 2019 से समूह का हिस्सा नहीं है। आरकॉम राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है। इसका प्रबंधन भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में ऋणदाताओं द्वारा नियुक्त एक पेशेवर द्वारा किया जा रहा है। रिलायंस समूह के प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि 2019 में इस्तीफा देने के बाद से अनिल अंबानी का आरकॉम से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब्ती आदेश से रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर या रिलायंस पावर अप्रभावित हैं और दोनों कंपनियां सामान्य रूप से काम कर रही हैं।
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