प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में 21 जुलाई को पेश होने को कहा है। श्रीमती गांधी ने इससे पहले निदेशालय को पत्र लिखकर कोविड से प्रभावित होने का हवाला देकर हाजिर होने की तारीख स्थगित करने का अनुरोध किया था। श्रीमती गांधी ने पत्र में लिखा था कि डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है, इसलिए वे 23 जून को निदेशालय के सामने पेश नहीं हो सकती। उनके अनुराध को स्वीकार करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे कहा था कि जुलाई के अंतिम सप्ताह में अपना बयान दर्ज करवाएं। श्रीमती गांधी के पुत्र और कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी से पांच दिनों में 54 घंटे तक इस मामले में पूछताछ की गई।
आयकर विभाग वर्ष 2016 से नेशनल हेराल्ड मामले की जांच कर रहा है और उसने अपने आरोप पत्र में कांग्रेस प्रायोजित यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था। इस कम्पनी के पास नेशनल हेराल्ड अख़बार का स्वामित्व है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी कम्पनी के स्थापकों में शामिल हैं और कम्पनी के अधिकतर शेयर इन्हीं दोनों के पास हैं। कम्पनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। वर्ष 2013 में सुब्रमण्यम स्वामी की एक शिकायत पर आयकर विभाग ने यंग इंडियन के खिलाफ जांच शुरू की थी, जिसका संज्ञान लेते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने नया मामला दर्ज किया था।
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