मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने आज आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी स्थित श्री सत्य साई हिल व्यू स्टेडियम में श्री सत्य साई बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने श्री सत्य साई बाबा को “ईश्वर, शांति, प्रेम और निस्वार्थ सेवा का एक महान दूत” बताया जिनका संदेश और मिशन जाति, धर्म, वर्ग और राष्ट्रीयता की सभी बाधाओं से परे था। उन्होंने कहा कि बाबा के मार्गदर्शक सिद्धांतों—”सभी से प्रेम करो, सभी की सेवा करो” और “सदैव मदद करो, कभी किसी को चोट न पहुंचाओ”—ने उनके द्वारा किए गए हर प्रयास और उनके द्वारा छुए गए हर जीवन को आकार दिया। संत-कवि तिरुवल्लुवर के कुरल को उद्धृत करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि श्री सत्य साई बाबा ने अपना पूरा जीवन मानवता के प्रेम और सेवा के लिए समर्पित करके इस शाश्वत सत्य को मूर्त रूप दिया। सत्य, धर्म, शांति, प्रेम और अहिंसा पर आधारित बाबा की शिक्षाओं पर ज़ोर देते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि ये शाश्वत मूल्य एक सामंजस्यपूर्ण और प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने बाबा के उस संदेश पर ज़ोर दिया जिसमें मानवता से कलह के स्थान पर सद्भाव और स्वार्थ के स्थान पर त्याग को अपनाने का आग्रह किया गया था – ये मूल्य आज के अनिश्चित और संघर्षग्रस्त विश्व में विशेष रूप से प्रासंगिक हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सार्वजनिक जीवन भी सत्य, कर्तव्य, सहानुभूति और नैतिक जिम्मेदारी से निर्देशित होना चाहिए – ये वे गुण हैं जिनका श्री सत्य साई बाबा ने बहुत प्रचार किया था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्री सत्य साई सेंट्रल ट्रस्ट के दूरगामी प्रभावों का उल्लेख करते हुए, उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में इसके व्यापक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ट्रस्ट की मोबाइल ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को दूरस्थ क्षेत्रों के लिए एक “महत्वपूर्ण जीवनरेखा” बताया और विश्वस्तरीय, मूल्य-आधारित, शुल्क-मुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए ट्रस्ट के शैक्षणिक संस्थानों की सराहना की। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ट्रस्ट पेयजल परियोजनाओं, आपदा राहत और अनेक मानवीय सेवाओं के माध्यम से समुदायों का उत्थान करता रहता है। उन्होंने तेलुगु गंगा नहर के पुनरुद्धार में श्री सत्य साई बाबा के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख किया जिससे चेन्नई को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित हुई—यह एक ऐसा सेवा कार्य है जिसे तमिलनाडु के लोग सदैव याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि ये पहल इस बात के जीवंत उदाहरण हैं कि सेवा के माध्यम से व्यक्त प्रेम कैसे समाज में परिवर्तन ला सकता है। इस शुभ अवसर पर, उपराष्ट्रपति ने सभी भक्तों और नागरिकों से आह्वान किया कि वे बाबा की विरासत का सम्मान – जरूरतमंदों की मदद करके तथा परिवारों, समुदायों और राष्ट्र में शांति को बढ़ावा देने – जैसे कार्यों के माध्यम से करें। समस्त साई समुदाय को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने सार्वदेशिक प्रार्थना के साथ अपने संबोधन का समापन किया: “समस्त लोक: सुखिनो भवन्तु!” और आशा व्यक्त की कि श्री सत्य साई बाबा की शिक्षाएं मानवता के मार्ग को प्रकाशवान बनाएंगी और हमें याद दिलाती रहेंगी कि “सबसे बड़ी पूजा सेवा है और सबसे बड़ा अर्पण प्रेम है।” शताब्दी समारोह के दौरान, उपराष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी स्थित श्री सत्य साई हिल व्यू स्टेडियम में श्री सत्य साई बाबा के शताब्दी समारोह में विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुति भी देखी। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नारा चंद्रबाबू नायडू, त्रिपुरा के राज्यपाल एन. इंद्र सेना रेड्डी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, आंध्र प्रदेश सरकार में मानव संसाधन विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिकी और संचार एवं आरटीजी मंत्री नारा लोकेश, तमिलनाडु सरकार में मंत्री शेखर बाबू, श्री सत्य साई सेंट्रल ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी, श्री सत्य साई सेवा संगठन के अखिल भारतीय अध्यक्ष आर.जे. रत्नाकर, श्री सत्य साई उच्च शिक्षा संस्थान के कुलाधिपति निमिष पंड्या, के. चक्रवर्ती और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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