मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना में फिटर के रूप में काम करने वाले दो कर्मचारियों की तैनाती फर्जी पाई गई है। उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। रेलवे बोर्ड मामले की जांच कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि रेलवे बोर्ड गोरखपुर द्वारा कुछ कर्मचारियों की तैनाती कर आरेडिका भेजा गया था, जिनमें सौरभ व राहुल नाम के युवा भी थे। उन्होंने 14 जून को कारखाना में ज्वॉइन किया था। जांच के दौरान उनकी नियुक्ति फर्जी पाई गई। आरेडिका को कर्मचारियों की जो जरूरत होती है, वह रेलवे बोर्ड को भेज दी जाती है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड कर्मचारियों का चयन करता है। गोरखपुर से लगभग बारह कर्मचारी भेजे गए थे। पैनल ने मेडिकल कराकर उन्हें ज्वॉइन कराया था, जो अंडर ट्रेनिंग थे। बाद में गोरखपुर से एक पत्र आया, जिसमें दोनों कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से नियुक्ति लेने की बात कहते हुए उन्हें बर्खास्त करने को कहा गया था। जांच में पता चला कि दोनों कर्मचारी प्रशिक्षण के बीच में ही बिना कोई सूचना दिए चले गए थे। उनके न मिलने पर अक्टूबर माह में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। मुख्य जन संपर्क अधिकारी आरएन तिवारी ने कहा कि नियुक्ति संबंधी मामला गोरखपुर का है। वहां से जो पत्र मिला था, उसके अनुरूप आरेडिका प्रशासन कार्रवाई कर चुका है। मामले की जांच गोरखपुर से हो रही है।
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