वर्तमान में स्पाइसजेट नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) की नियामकीय जांच के घेरे में है। स्पीकेजेट के विमानों में 19 जून से ही तकनीकी खराबी की अबतक लगभग आठ घटनाएं सामने आ चुकी है जिसके लिए नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। DGCA ने कहा कि एयरलाइन सुरक्षित, कुशल और भरोसेमंद हवाई सेवाएं देने में विफल रही है। इस नोटिस का जवाब देने के लिए स्पाइसजेट को तीन सप्ताह का समय दिया गया है।
स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह के अनुसार एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट अगस्त के पहले सप्ताह तक स्पाइस एक्सप्रेस से अलग हो सकती है। उन्होंने बताया कि बैंकों और शेयरधारकों ने स्पाइसजेट एयरलाइन से कार्गो और लॉजिस्टिक कंपनी स्पाइस एक्सप्रेस को अलग करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने यह भी बताया कि यह विभाजन अगस्त के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा।