आज भारत की महान कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू की 145वीं जयंती है। जानकारी के लिए बता दें कि, सरोजिनी नायडू की जयंती हर साल 13 फरवरी को राष्ट्र द्वारा मनाई जाती है। वह एक कवयित्री और राजनीतिक कार्यकर्ता थीं। उनकी कविता के कारण उन्हें ‘नाइटिंगेल ऑफ इंडिया’ उपनाम मिला। बता दें कि, सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था। वह 20वीं सदी की सबसे लोकप्रिय महिलाओं में से एक मानी जाती थीं। इसके साथ महात्मा गांधी की शिष्या थी, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। सरोजिनी नायडू एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त लेखिका हैं, जिन्होंने 1905 में अपने कविता संग्रह, गोल्डन थ्रेशोल्ड के प्रकाशन पर “बुल बुले हिंद” के रूप में पहचान हासिल की। गोपाल कृष्ण गोखले कई प्रसिद्ध भारतीय राजनेताओं में से थे, जिन्होंने सरोजिनी नायडू की कविता की प्रशंसा की।
मीडिया की माने तो, भारत कोकिला सरोजिनी नायडू ने महिलाओं के विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभाया है। उन्होंने भारतीय समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। आम महिलाओं को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उनका मानना था कि यदि पुरुष देश की शान है तो महिला उस देश की नीव है। सरोजिनी नायडू महात्मा गांधी के विचारों से बहुत प्रभावित थीं। उन्होंने गांधी जी के अनेक सत्याग्रहों में भाग लिया और ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में जेल भी गई। वे कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थी। 1928 में उन्हें केसर-ए-हिंद से सम्मानित किया गया। देश की आजादी के बाद वह गवर्नर बनने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के गवर्नर का पद भार संभाला था।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू की जंयती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, महिला अधिकारों की प्रबल समर्थक, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, कवि और राजनीतिज्ञ ‘स्वर कोकिला’ सरोजिनी नायडू जी को उनकी जयंती पर नमन करता हूँ। आपका बहुआयामी व्यक्तित्व भारत एवं विश्वभर की सभी महिलाओं के लिये एक आदर्श बनकर उभरा; आपके साहस, समर्पण और नेतृत्त्व ने लाखों भारतीयों को प्रेरित किया है और आगे भी करता रहेगा।
महिला अधिकारों की प्रबल समर्थक, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, कवि और राजनीतिज्ञ 'स्वर कोकिला' सरोजिनी नायडू जी को उनकी जयंती पर नमन करता हूँ।
आपका बहुआयामी व्यक्तित्व भारत एवं विश्वभर की सभी महिलाओं के लिये एक आदर्श बनकर उभरा; आपके साहस, समर्पण और नेतृत्त्व ने लाखों भारतीयों को… pic.twitter.com/o0BCB9JO2Q
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 13, 2024
वहीं उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा के, महान स्वतंत्रता सेनानी, उत्तर प्रदेश की प्रथम राज्यपाल, ‘भारत कोकिला’ सरोजिनी नायडू की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! राष्ट्र को सशक्त बनाने में आपके द्वारा निःस्वार्थ भाव से किए गए प्रयास और योगदान अविस्मरणीय हैं।
महान स्वतंत्रता सेनानी, उत्तर प्रदेश की प्रथम राज्यपाल, 'भारत कोकिला' सरोजिनी नायडू की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
राष्ट्र को सशक्त बनाने में आपके द्वारा निःस्वार्थ भाव से किए गए प्रयास और योगदान अविस्मरणीय हैं। pic.twitter.com/jXPPJ6UYXA
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 13, 2024
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिखा कि, महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रसिद्ध कवयित्री, उत्तर प्रदेश की प्रथम राज्यपाल “भारत कोकिला” की उपाधि से प्रख्यात सरोजिनी नायडू जी की जयंती पर शत्-शत् नमन। भारतीय स्वाधीनता संग्राम में आपके द्वारा दिया गया अविस्मरणीय योगदान हम सभी के लिए प्रेरणास्तम्भ है।
महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रसिद्ध कवयित्री, उत्तर प्रदेश की प्रथम राज्यपाल "भारत कोकिला" की उपाधि से प्रख्यात सरोजिनी नायडू जी की जयंती पर शत्-शत् नमन।
भारतीय स्वाधीनता संग्राम में आपके द्वारा दिया गया अविस्मरणीय योगदान हम सभी के लिए प्रेरणास्तम्भ है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 13, 2024
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