मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना का लाभ देने में देरी करने और 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नगर निगम गुरुग्राम के एक क्लर्क को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा गुरुग्राम नगर निगम के एक संयुक्त आयुक्त अखिलेश यादव का 15 दिन का वेतन काटने के आदेश दिए हैं। गुरुग्राम निवासी शिकायतकर्ता नरेंद्र कुमार ने इसकी शिकायत सीएम डैशबोर्ड सेल पर की थी। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद गुरुग्राम निगमायुक्त ने देर शाम क्लर्क को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए हैं। शिकायतकर्ता ने शिकायत में बताया था कि मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के तहत भीमनगर स्थित नगर निगम की एक दुकान के मालिकाना हक के लिए नगर निगम में आवेदन किया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि टैक्स ब्रांच के क्लर्क संदीप ने दुकान की रजिस्ट्री करवाने के लिए 50 हजार रुपये की डिमांड की थी और पैसे नहीं देने पर आवेदन को लटकाए रखा। सीएम डैशबोर्ड पर शिकायत मिलने के बाद सीएम ने तुरंत क्लर्क को सस्पेंड कर दिया। फिलहाल क्लर्क निगम के जोनल टैक्सेशन आफिसर (मुख्यालय) के कार्यालय में कार्यरत है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक जून, 2021 की मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत बीस साल यानी 31 दिसंबर, 2020 तक निगम की दुकानों पर काबिज किरायेदरों की दुकानों का मालिकाना हक दिया जाना था। इसके लिए गुरुग्राम निगम ने किरायेदारों से आवेदन मांग थे। वर्ष 2022 में पांच से से सात लाख रुपये लेकर रजिस्ट्री कराने और घोटाला करने से संबंधित एक शिकायत शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भेजी गई थी। 10 मई 2022 को हुई शिकायत के अनुसार तत्कालीन जेडटीओ (जोनल टैक्सेशन ऑफिसर) पर योजना में अनियमितता बरतने के आरोप लगे थे और आरोप यह भी था कि उन्होंने निगम की भीमनगर मार्केट की दुकान की रजिस्ट्री नियम विरुद्ध अपने बेटे के नाम करवा दी। इस संबंध में नगर निगम की ओर से जेडटी ओ के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग को निगमायुक्त कार्यालय ने रिपोर्ट भेजी थी।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें