ग्वाटेमाला में आयोजित मेड इन इंडिया – व्यापार प्रदर्शनी में भारतीय हस्तशिल्प ने अपनी चमक बिखेरी

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भारतीय मंडप का उद्घाटन ग्वाटेमाला के उपराष्ट्रपति ने किया

हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ग्वाटेमाला (लातीनी अमेरिका) स्थित भारतीय राजनयिक मिशन के संग मेड इन इंडिया – व्यापार प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। यह प्रदर्शनी ग्वाटेमाला सिटी में 22 सितंबर से 24 सितंबर, 2022 तक आयोजित की गई है, और इसमें भारतीय हस्तशिल्प निर्माताओं तथा निर्यातकों ने भारतीय कलाकृतियां व हस्तशिल्प के साथ अन्य उत्पादों को प्रदर्शित किया है। भारत भर के दस राष्ट्रीय दिग्गज शिल्पकार और निर्यातक हस्तशिल्प उत्पादों की विशाल श्रृंखला पेश कर रहे हैं, जिसमें घर के सजावटी सामान, फर्निशिंग, दरी-कालीन, फर्नीचर, लैम्प, फैशन आभूषण व सम्बंधित सामग्रियां, धूप-अगरबत्ती, खुशबूदार तथा आरोग्य उत्पाद शामिल हैं।

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक राकेश कुमार ने बताया कि ग्वाटेमाला के उपराष्ट्रपति व कार्यकारी राष्ट्रपति महामहिम गुईलेरमो कास्टिलो तथा ग्वाटेमाला में भारत के राजदूत महामहिम डॉ. मनोज कुमार महापात्रा ने ग्वाटेमाला में मेड इन इंडिया व्यापार प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने इस क्षेत्र में मेड इन इंडिया व्यापार प्रदर्शनी के आयोजन के लिये ईपीसीएच को भरपूर सहयोग और समर्थन दिया। इसके जरिये हस्तशिल्प सेक्टर को मजबूती देने के प्रयासों को आगे बढ़ाने में हस्तशिल्प निर्यातक समुदाय का भरपूर उत्साह परिलक्षित होता है।

ईपीसीएच के अध्यक्ष राज कुमार मलहोत्रा ने बताया कि भारतीय कला और शिल्प सम्बंधी मेड इन इंडिया – व्यापार प्रदर्शनी में प्रदर्शनकर्ताओं तथा क्रेताओं को सहायक व्यापार विकल्प उपलब्ध होंगे। आशा की जाती है कि भारतीय राजनयिक मिशन के सहयोग से भारतीय कला और शिल्प सम्बंधी मेड इन इंडिया – व्यापार प्रदर्शनी के जरिये लातीनी अमेरिकी क्षेत्र में व्यापार तथा लोगों के बीच मेल-मिलाप बढ़ेगा।

ग्वाटेमाला में भारत के राजदूत महामहिम डॉ. मनोज कुमार महापात्रा ने कहा कि मेड इन इंडिया – व्यापार प्रदर्शनी भारत की विविधता को प्रस्तुत करने का ऐसा अवसर है, जिसकी दुनिया भर में प्रशंसा होती है। उन्होंने कहा कि इस तरह दुनिया के सामने भारत के अपार कौशल व उसकी प्रतिस्पर्धात्मक धार को प्रदर्शित करने और विश्व मानकों के अनुरूप गुणवत्ता का पालन करने का अवसर मिलता है।

उल्लेखनीय है कि ईपीसीएच एक नोडल एजेंसी है, जो दुनिया के विभिन्न स्थानों में भारत के हस्तशिल्प के निर्यात को प्रोत्साहन देती है तथा यह उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्पों व सेवाओं की विश्वसनीय आपूर्तिकरता है और दुनिया में भारत की छवि को प्रस्तुत करती है। वर्ष 2021-22 के दौरान हस्तशिल्प का निर्यात 33253.00 करोड़ रुपये (4459.76 मिलियन यूएसडी) था। इस तरह पिछले वर्ष की तुलना में रुपये के आधार पर 29.49 प्रतिशत और यूएस डॉलर के आधार पर 28.90 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं, लातीनी अमेरिका को हस्तशिल्प का निर्यात वर्ष 2021-22 में 682 करोड़ रुपये (92 मिलियन यूएसडी) रहा।

News & Image Source : (Twitter) @PIBHindi

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