चंद्रमा पर बिखरे मोती बुझाएंगे अंतरिक्ष यात्रियों की प्यास, रिसर्च में हुआ खुलासा

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चांद हमारी धरती के सबसे नजदीकी प्राकृतिक उपग्रह है। वैज्ञानिक कई दशकों से चांद पर जीवन की संभावना तलाश रहे है। मीडिया सूत्रों की माने तो, इसी कड़ी में एक नई बात खुलकर सामने आयी है। हाल ही में एक रिसर्च से पता चला है कि चांद पर फैले कांच के छोटे-छोटे मोतियों के अंदर पानी हो सकता है। ये बात इंसानों के लिए आने वाले वक्त में चांद को लेकर एक महत्वपूर्ण खोज साबित हो सकती है। ये कीमती संसाधन के संभावित भंडार की ओर इशारा करता है। वैज्ञानिक लोग चांद को लंबे वक्त से एक रेगिस्तान की तरह मानते है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में ऐसे कई निशान मिले है, जिसे चांद पर पानी होने के सबूत मिलते है।

मीडिया सूत्रों की माने तो, वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने चंद्रमा पर अरबों टन पानी की खोज कर ली है जो सतह पर बिखरे कांच के छोटे-छोटे मोतियों में कैद है। यह चंद्रमा की सतह पर भविष्य की इंसानी गतिविधियों के लिए बहुमूल्य संसाधन का एक संभावित भंडार साबित हो सकता है। धरती का इकलौता प्राकृतिक उपग्रह लंबे समय से सूखा है। लेकिन पिछले कुछ दशकों से कई मिशनों में यह देखा जा चुका है कि चंद्रमा पर पानी मौजूद है, सतह पर भी और खनिजों के रूप में भी। वैज्ञानिकों ने सोमवार को कहा कि 2020 में चीन के रोबोटिक Chang’e-5 मिशन के दौरान धरती पर लाई गई चंद्रमा की मिट्टी की जांच से पता चलता है कि कांच के इन गोलों के भीतर पानी के अणु मौजूद हैं जो चंद्रमा की सतह पर सौर हवा की क्रिया के माध्यम से बनते हैं।

Image Source : ABP News

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