मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों की 15वीं बैठक में समावेशी, न्यायसंगत और सतत कृषि के प्रति भारत ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। केंदीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छोटे और सीमांत किसानों के कल्याण को वैश्विक कृषि रणनीति के केंद्र में रखने की आवश्यकता बताई और स्पष्ट किया कि कृषि भारत के लिए केवल एक आर्थिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह करोड़ों परिवारों के लिए आजीविका, भोजन और गरिमा का स्रोत है। भारत ने कहा कि जब तक छोटे किसानों को संरक्षित और सशक्त नहीं किया जाएगा, तब तक वैश्विक खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण विकास का लक्ष्य अधूरा रहेगा। इस बीच, श्री चौहान ने ब्रिक्स देशों को इस साल पहली मई से शुरू होने वाले विश्व दृश्य-श्रव्य मनोरंजन शिखर सम्मेलन और सितंबर 2025 में आयोजित होने वाले विश्व खाद्य भारत में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया।
जानकारी के लिए बता दें कि, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात पर बल दिया कि दुनिया के 510 मिलियन छोटे किसान वैश्विक खाद्य प्रणाली की रीढ़ हैं और जलवायु परिवर्तन, मूल्य अस्थिरता तथा संसाधनों की कमी के बीच वे सबसे अधिक संवेदनशील हैं। चौहान ने कहा कि हम छोटे किसानों को इन चुनौतियों से लड़ने में अकेला नहीं छोड़ सकते, उन्हें हमारी नीतिगत सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने क्लस्टर आधारित खेती, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), सहकारी मॉडल और प्राकृतिक खेती को छोटे किसानों के सामूहिक सशक्तिकरण और बाजार तक बेहतर पहुंच का प्रभावी माध्यम बताया।
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