जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज का जन्म 14 जनवरी, 1950 को जौनपुर उत्तर प्रदेश में हुआ था। जन्म से पैदा होने के कुछ समय बाद ही जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज की आंखें ट्रेकोमा से संक्रमित हो गई थीं। जब वह केवल 2 महीने के थे, तब उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। जन्म से ही नेत्रहीन होने के चलते श्री रामभद्राचार्य जी महाराज की पढ़ाई-लिखाई सामान्य स्कूल में नहीं हुई। हैरत की बात यह है कि वे केवल सुनकर ही सीखते हैं।
जानकारी के अनुसार, रामभद्राचार्य को देश-दुनिया में भारतीय हिंदू आध्यात्मिक नेता के तौर पर जाता जाता है। वह शिक्षक होने के साथ-साथ संस्कृत विद्वान, बहुभाषाविद, कवि, लेखक, पाठ्य टीकाकार , दार्शनिक, संगीतकार, गायक और नाटककार के रूप में भी चर्चित हैं। रामभद्राचार्य जी ने ही संत तुलसीदास के नाम पर चित्रकूट में एक धार्मिक और सामाजिक सेवा संस्थान तुलसी पीठ की स्थापना की। बता दें कि, रामभद्राचार्च का जन्म का नाम गिरिधर मिश्रा है। आपको यह जानकर हैरत होगी कि वह 22 भाषाएं बोल सकते हैं। वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश के चित्रकुट में रहते हैं। जगद्गुरु रामभद्राचार्य 22 भाषाओं में पारंगत हैं। वह संस्कृत और हिंदी के अलावा कई अन्य भाषाओं में भी कविता पाठ करते हैं। उन्होंने 80 से अधिक पुस्तकों की रचना की है।
मीडिया की माने तो, भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 2015 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया था। रामभद्राचार्य ने बाबरी केस में भी गवाही दी है। कोर्ट में उन्होंने जो बयां किया वह हूबहू सही था। कुलमिलाकर रामभद्राचार्य ने श्रीराम जन्मभूमि की स्थिति सही बताई थी। इस पर कार्ट में इसके बाद जैमिनीय संहिता मंगाई गई। उसमें जगद्गुरु ने जिन उद्धहरणों का जिक्र किया था, उसे खोलकर देखा गया तो सभी विवरण सही पाए गए।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि, प्रख्यात विद्वान्, शिक्षाविद्, प्रवचनकार एवं महान दार्शनिक पद्म विभूषण श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज को जन्मदिवस की आत्मीय बधाई। “राम मंदिर के निर्माण” में अपना अमूल्य योगदान देकर आपने करोड़ों देशवासियों का सपना पूरा किया है। प्रभु श्री राम की कृपा आप पर अनवरत बरसती रहे, आप सदैव स्वस्थ रहें, दीर्घायु हों, यही कामना करता हूं।
प्रख्यात विद्वान्, शिक्षाविद्, प्रवचनकार एवं महान दार्शनिक पद्म विभूषण श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज को जन्मदिवस की आत्मीय बधाई।
“राम मंदिर के निर्माण” में अपना अमूल्य योगदान देकर आपने करोड़ों देशवासियों का सपना पूरा किया… pic.twitter.com/nmrO9Wgo8S
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 14, 2024
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