मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोजिला की तलहट्टी में स्थितग गगनगीर सोनमर्ग में रविवार को आतंकियों ने जैडमोढ़ सुरंग परियोजना में कार्यरत श्रमिकों के शिविर पर हमला किया। इस हमले में सात श्रमिकों की मौत हो गई है और 5 अन्य घायल हुए हैं। सभी घायलों को उपचार के लिए शेर-ए- कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान सौरा में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। पुलिस व सेना ने श्रमिकों के शिविर और उसके साथ सटे इलाके की घेराबंदी कर, आतंकियों की धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान चला रही है। इस बीच, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हए कहा कि गगनगीर से एक दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। दो श्रमिकों की मौत हो गई तीन अन्य के घायल होने की सूचना है। यह सभी लोग एक महत्वपूर्ण परियोजना में काम कर रहे थे। मैं नागरिकों पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और पीडि़त परिवारों के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। कश्मीर घाटी में बीते तीन दिनों में अन्य राज्यों के श्रमिकों पर यह दूसरा आतंकी हमला है। इससे पूर्व गत शुक्रवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां में आतंकियों ने बिहार के रहने वाले अशोक चौहान की हत्या की है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जैडमोढ़ सुरंग जोजिला सुरंग परियोजना का एक हिस्सा है। जोजिला सुरंग परियोजना के तहत सुरंग बनाई जा रही हैं और उनमें एक साढ़े छह किलोमीटर लंबी जैड मोढ़ सुरंग है। यह श्रीनगर से लगभग 68 किलोमीटर की दूरी पर गुंड से आगे और सोनमर्ग से पहले गगनगीर में है। इस सुरंग के निर्माण से सोनमर्ग का मार्ग जो गुंड से आगे सर्दियों में बंद रहता था,एक सदाबहार मार्ग हो जाएगा और लगभग एक घंटे का सफर 15 मिनट का रह जाएगा। एपीसीओ नामक कंपनी द्वारा इस सुरंग को बनाया जा रहा है लेकिन काम पूरा न होने के कारण इसे अभी यातायात के लिए बहाल नहीं किया गया है। यहां मिली जानकारी के अनुसार, जिस शिविर पर हमला हुआ है, वह गुंड कंगन से कुछ ही दूरी पर जैडमोढ़ सुरंग के पश्चिमी मुहाने पर रेजान गगनगीर के नीचे सिंध नाले के पास है। बताया जा रहा है कि रात आठ बजे के करीब जब परियोजना में कार्यरत श्रमिक और अधिकारी अपनी मेस में खाना खाने के लिए जमा हो रहे थे,उस समय कथित तौर पर परिसर के बाहरी हिस्से में अचानक आतंकी आए। उन्होंने वहां मौजूद लोगों की भीड़ पर अपने स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। लगभग तीन से चार मिनट तक उन्होंने गोलियां बरसाई । इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। जिसे जहां जगह मिली, वह उसी तरफ जान बचाने के लिए भागा। इस दौरान वहां कुछश्रमिक गोलियां लगने से जमीन पर गिर पड़े और उसके बाद आतंकी वहां से भाग निकले। आतंकियों के जाने के बाद शीविर में मौजूद लोगों ने फोन पर अपने अधिकारियों और निकटवर्ती सुरक्षा शिविरों में सूचित किया। इस बीच, गोलियों की आवाज सुनकर निकटवर्ती शिविरों से सेना और सीआरपीएफ व पुलिस के जवान भी मौके पर पहुंच गए। उनके पहुंचने से पहले ही आतंकी वहां से निकल भागे थे। सुरक्षाबलों ने वहां घायल पड़े सभी लोगो को शिविर में मौजूद अन्य लोगों की मदद से अस्पताल पहुंचाया। दो श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी जबकि एक अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ा। सुरक्षाबलों ने मौके पर मौजूद रहे कुछ लोगों से भी पूछताछ की और उसके साथ ही उन्होंने पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए हमलावर आतंकियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया। घायलों की पहचान इंदर यादव निवासी बिहार, मोहन लाल निवासी कठुआ, फैयाज अहमद लोन निवासी प्रेंग कंगन और जगतार सिंह निवासी कठुआ के रूप में हुई है। मारे गए तीन श्रमिकों में से एक का नाम गुरमीत सिंह है और वह पंजाब का रहने वाला है।
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