भारत एक ऐसा देश है, जहां की मिट्टी में जरूरत की लगभग चीजें मिल जाती है। कुछ दिन पहले तक जिस लिथियम के लिए हमारी सरकार परेशानी होती दिखती थी। आज उसका हल मिल गया है। दरअसल, इंडिया ईवी इंडस्ट्री को प्रमोट कर रहा है ताकि पेट्रोल और डीजल से निर्भरता कम हो सके। क्योंकि यह प्रदूषण के सबसे बड़े कारण में से एक हैं। अगर गाड़ियां ईवी से चलेंगी तो इससे होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी। व्हीकल को ईवी से चलने में सबसे बड़ी भूमिका निभाती है, उसमें लगाई जाने वाली बैटरी और बैटरी बनाने के लिए लिथियम की जरूरत पड़ती है। भारत में आवश्यकतानुसार लिथियम की उपलब्धता नहीं है। हमें विदेशों से आयात करना पड़ रहा है। अब इससे राहत मिलेगी, क्योंकि लिथियम का बड़ा भंडार अब इंडिया में ही मिल गया है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने पहली बार जम्मू-कश्मीर में लिथियम और सोने के भंडार पाए हैं। खान मंत्रालय को रियासी जिले के सलाल-हैमाना इलाके में करीब 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला है।
मीडिया में आई जानकारी के देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है। लिथियम के भंडार की यह पहली साइट है, जिसकी भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने रियासी जिले में पहचान की है। इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन जैसे उपकरणों की बैट्री में इस्तेमाल होने वाले लिथियम को दूसरे देशों से आयात किया जाता है। रियासी जिले में अब इसके भंडार के दोहन से देश की आयात पर निर्भरता कम होगी।
Image Source : India TV Hindi
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