मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड में सरकारी सेवकों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा और इन्हें 10 लाख रुपये तक के इलाज के लिए एक पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ेगा। इससे अधिक खर्च होने पर कॉर्पस फंड से राशि दी जाएगी। कैबिनेट के इस निर्णय से लाखों सरकारी कर्मियों, झारखंड के सभी विधायकों, पूर्व विधायकों, अधिवक्ताओं तथा ऐसे तमाम लोगों के परिजनों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा। सरकार के इस निर्णय से सरकारी कर्मियों के वेतन से पांच सौ रुपये प्रतिमाह की कटौती की जाएगी तो वहीं गैर सरकारी कर्मियों को छह हजार रुपये वार्षिक का भुगतान करना होगा। अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि कर्मियों और उनके आश्रितों के इलाज नी बीमित राशि से अधिक खर्च होने पर कार्पस फंड से राशि दी जाएगी। इस योजना के लाभुकों को प्री-हॉस्पिटलाइजेशन के लिए 15 दिनों और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन प्रक्रिया के 15 दिनों के लिए काम से छुट्टी मिलेगी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने सरकारी विभागों में प्राइवेट सेक्टर से संविदा के आधार पर लैटरल नियुक्ति की प्रक्रिया अब झारखंड में रुक जाएगी। राज्य कैबिनेट ने इसके लिए पूर्व में जारी संकल्प संख्या 8598 को निरस्त करने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार के निर्णय के आधार पर तत्कालीन राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया था और कई विभागों में इसी आधार पर उच्च कुशलता प्राप्त प्रोफेशनल को संविदा के आधार पर सलाहकार-सह-विशेष सचिव के रूप में नियोजित किया गया था। झारखंड में कैबिनेट के इस फैसले से यह प्रक्रिया रुक जाएगी। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के निर्णय से झारखंड ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। वित्तीय वर्ष 2024-2025 में हाई कोर्ट के स्तर पर गठित झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति के अंतर्गत निबंधित अधिवक्ताओं को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ प्रदान करने के लिए छह हजार रुपये मात्र के प्रीमियम भुगतान के लिए कुल अनुदान राशि नौ करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। 65 वर्ष से अधिक उम्र के अधिवक्ता एवं लाइसेंस प्रत्यर्पित करने वाले इच्छुक अधिवक्ताओं को गण को पेंशन के रूप में प्रतिमाह सात हजार रुपये की दर से भुगतान के लिए 1.6 करोड़ रुपये और नए अधिवक्ताओं को वृत्तिका भत्ता के रूप में पांच हजार रुपये मासिक देने के लिए 1.5 करोड़ रुपये दिए गए हैं। ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कमलेश्वर कान्त वर्मा की सेवा अगले तीन वर्षों तक के लिए नियुक्त करने संबंधी शर्त को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई। राज्य के चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों, सदर अस्पतालों, अनुमंडल अस्पतालों/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों हेतु वरीय अस्पताल प्रबंधक, अस्पताल प्रबंधक, वित्तीय प्रबंधक एवं आइटी एक्सक्युटिव का पद सृजन की स्वीकृति दी गई।
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