भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बंबई (आईआईटी बंबई) ने सोमवार को एक ऐसा टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम विकसित करने के लिए समझौता किया है जिसका उपयोग आसानी से किसी भी वक्त और कहीं से भी किया जा सकेगा। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी दी है। जानकारी में बताया गया है कि UIDAI और IIT बॉम्बे टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम पर एक साथ काम करेंगे। UIDAI और IIT बॉम्बे उंगलियों के निशान के लिए एक मोबाइल कैप्चर सिस्टम के साथ एकीकृत लाइवनेस मॉडल बनाने के लिए संयुक्त शोध करेंगे।
मीडिया सूत्रों की माने तो, टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम, एक बार विकसित और चालू होने के बाद, चेहरे के प्रमाणीकरण की तरह घर से फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण की अनुमति देगा। उम्मीद की जा रही है कि नई प्रणाली एक ही बार में कई उंगलियों के निशान ले लेगी और प्रमाणीकरण सफलता दर हालिस करने में सहायता करेगी।
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