मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ,त्रिपुरा बीते कई दिनों से बाढ़ की मार झेल रहा है। यहां 19 अगस्त से विनाशकारी बाढ़ के कारण कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई है और 1.17 लाख लोग बेघर हो गए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री माणिक साहा ने अपना एक महीने का वेतन राहत कोष में देने का एलान किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना एक महीने का वेतन दान करता हूं।’
जानकारी के मुताबिक, डॉ. साहा ने कहा, “विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया है कि सरकार को मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी देनी चाहिए। मैंने उन्हें बताया है कि यह एक तकनीकी मुद्दा है और उन्हें आश्वासन दिया है कि मौजूदा नियमों और विनियमों को ध्यान में रखते हुए उनके सुझाव पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी हमें बेहतर समन्वय के लिए जिला और उपखंड स्तर पर इसी तरह की बैठकें आयोजित करने की सलाह दी है। विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी नेता एकजुट होकर लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए आम सहमति पर पहुँचे हैं।” बाढ़ के कारण 2,588 स्थानों पर भूस्खलन हुआ और 2,324 स्थानों पर मलबा साफ किया गया है। डॉ. साहा ने कहा, “200 से अधिक फील्ड इंजीनियर चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य में आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। राज्य में छह लाख लीटर पेट्रोल उपलब्ध है। खाद्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि यदि कोई जमाखोरी या बाजारों में कृत्रिम कमी पैदा करने का प्रयास करता है तो आवश्यक कार्रवाई की जाए। अब तक हेलीकॉप्टरों की मदद से 20,000 खाद्य पैकेट संकटग्रस्त लोगों के बीच वितरित किए जा चुके हैं। राहत शिविरों में 700 से अधिक चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं।
Image Source : Social media
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