मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि चिकित्सा-क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग ने चिकित्सा और इंजीनियरिंग संस्थानों के बीच सहभागिता को अत्यन्त महत्वपूर्ण बना दिया है। आज शाम नई दिल्ली में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एमआरएनए तकनीक, रोबोटिक्स और थ्री-डी बायोप्रिंटिंग के प्रयोग चिकित्सा क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल, अनुसंधान और नवाचार के लिए दिल्ली के इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थानों के साथ सहयोग कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि अंतःविषय ज्ञान साझा करना सभी के हित में होगा। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में युवा डॉक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि चिकित्सा पेशा सिर्फ आजीविका का साधन नहीं है। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर की भूमिका सिर्फ एक चिकित्सक की नहीं बल्कि एक दयालु उपचारक की भी होनी चाहिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने सभी विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को उनकी कड़ी मेहनत और त्याग के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उत्सव देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में से एक वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल के छात्रों द्वारा हासिल की गई कई उपलब्धियों को मान्यता देता है।
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News & Image Source: newsonair.gov.in