दिल्ली की हवा बहुत खराब श्रेणी में बरकरार, सीजन का पहला कोहरा दिखा

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स्मॉग में लिपटी दिल्ली, कई इलाकों में एक्यूआई 400 के पार

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली का वायु प्रदूषण मंगलवार को लगातार तीसरे दिन “गंभीर” श्रेणी के करीब रहा। हालांकि समग्र रूप से बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। इस मौसम में पड़े पहले कोहरे की मार के बीच एक्यूआई 373 रहा। चिंताजनक यह कि 13 में से ज्यादातर हॉट स्पॉट पर एक्यूआई 400 पार यानी “गंभीर” श्रेणी में दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार मंगलवार को राजधानी का एक्यूआई 373 रहा। एक दिन पहले सोमवार को 381 और रविवार को 382 था। शहर भर के आठ स्टेशनों पर दोपहर एक बजे से वायु प्रदूषण का स्तर “गंभीर” श्रेणी (एक्यूआई 400 से ऊपर) तक पहुंच गया। ये स्थान थे आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, मुंडका, न्यू मोती नगर, जहांगीर पुरी, वजीरपुर और विवेक विहार। मंगलवार को देश में झुंझुनू की वायु गुणवत्ता सर्वाधिक खराब थी, जहां का एक्यूआई 376 था। इसके बाद दूसरे नंबर पर दिल्ली रही।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीपीसीबी के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली में प्रमुख प्रदूषक पीएम 2.5 और पीएम 10 थे। डिसिजन सपोर्ट सिस्टम, आईआईटीएम पुणे के अनुसार मंगलवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों के उत्सर्जन का सबसे बड़ा योगदान था, जो लगभग 10.7 प्रतिशत था। यह अनुमान लगाया गया है कि अगले दो दिनों में दिल्ली के प्रदूषण में भी वाहनों का उत्सर्जन शीर्ष योगदानकर्ता रहेगा, जिसकी अनुमानित हिस्सेदारी लगभग 13 प्रतिशत होगी। परिवहन के अलावा दिल्ली के प्रदूषण में अन्य योगदान पराली का धुआं भी शामिल है। आंकड़ों से पता चलता है कि सोमवार को पंजाब में पराली जलाने 263, हरियाणा में 13 और उत्तर प्रदेश में 84 घटनाएं दर्ज की गईं। काउंसिल आन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के सीनियर प्रोग्राम लीड अभिषेक कर कहते हैं, “पंजाब और हरियाणा जैसे दिल्ली की तरफ हवा के बहाव वाले राज्यों में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी के कारण आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता की समस्या बनी रहेगी। एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के अनुसार, अगले सात दिनों के लिए एक्यूआई लगातार 350 से ऊपर बने रहने का अनुमान है और कभी-कभी 400 के निशान को भी पार कर जाएगा। इसलिए अधिकारियों को उन राज्यों में पराली जलाने पर कड़ाई से रोक लगानी चाहिए। पराली जलाने पर रोक लगाने के अलावा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परिवहन और धूल से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए ग्रेप के तहत निर्धारित उपायों को सख्ती से लागू किया जाए।” मंगलवार को शहर में इस सर्दी के मौसम का पहला कोहरा भी देखने को मिला। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 2023 में पहला हल्का कोहरा 31 अक्टूबर को दिखाई दिया था, जबकि 2022 में यह 12 अक्टूबर को दिखा था। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हवा की गति, नमी, कम तापमान और प्रदूषक कारक सतह के पास कोहरे के निर्माण में योगदान करते हैं। जब प्रदूषण का स्तर पहले से ही अधिक होता है, तो यह कोहरा “स्माग” बन जाता है। प्रदूषक तत्व नमी के साथ मिलकर दृश्यता को कम कर देते हैं। मंगलवार को शांत हवाओं के कारण सफदरजंग में दृश्यता गिरकर 800 मीटर रह गई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तापमान इसी तरह बना रहेगा और नवंबर के दूसरे सप्ताह के अंत तक इसमें गिरावट की उम्मीद नहीं है। फिर भी, सुबह की धुंध की एक परत राजधानी के प्रमुख हिस्सों को कवर कर रही है, और ठंडी हवाएं दिल्ली में सुबह शाम हल्की सर्दी का एहसास करा रही हैं। मंगलवार को अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है। इसी तरह न्यूनतम तापमान भी सामान्य से दो डिग्री 17.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। हवा में नमी का स्तर 67 से 94 प्रतिशत के बीच रहा। मौसम विभाग ने बुधवार को सुबह हल्का कोहरा, रात के समय धुंध और दिन में आसमान साफ रहने का अनुमान लगाया है। अधिकतम- न्यूनतम तापमान क्रमश: 33 और 17 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है।

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