मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट ने यह कहते हुए राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री की अनुमति देने से इनकार कर दिया कि यहां पर पहले से ही पर्याप्त प्रदूषण है। राहत देने से इनकार करते हुए न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने कहा कि अदालत अधिकारियों से पटाखों के भंडारण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे व्यापारियों के परिसरों को सील करने के लिए कहेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई बिक्री न हो सके। पीठ ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण को देखते हुए अदालत पटाखों को बेचने की अनुमति नहीं दे सकती। उक्त टिप्पणी के साथ अदालत ने दिल्ली फायरवर्क्स शापकीपर्स एसोसिएशन की याचिका पर दिया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, याचिका व्यापारियों की शिकायत पटाखों के भंडारण पर प्रतिबंध के संबंध में थी। उन्होंने कहा कि उक्त प्रतिबंध से उनका उत्पीड़न हो रहा था। यह भी तर्क दिया कि एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा कोई पटाखे नहीं बेचे जा रहे हैं, लेकिन प्रतिबंध आदेश के तुरंत बाद पुलिस ने स्थायी लाइसेंसधारियों के पास जाकर सवाल करना शुरू कर दिया कि वे पटाखों का भंडारण क्यों कर रहे थे। हालांकि, सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि मौजूद एक याचिकाकर्ता में से किसी पर पटाखे बेचने का आरोप था। पीठ ने कहा कि जिसने भी कानून का उल्लंघन किया है, उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। पीठ ने कहा कि अगर आप भंडारण करते हैं तो दुरुपयोग की की संभावना है। दिल्ली सरकार ने 14 सितंबर को दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया।
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