दिल्ली के निजी स्कूल अब अभिभावकों को मंहगी किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा कहा गया कि सरकार के इस फैसले से लाखों अभिभावकों को लाभ होगा। इसके साथ शिक्षा निदेशालय ने यह भी निर्देश दिए हैं कि कोई भी प्राइवेट स्कूल कम से कम 3 साल तक स्कूल की ड्रेस का रंग, डिजाइन एवं अन्य चीजों को नहीं बदलेंगे और कोई भी निजी स्कूल अभिभावकों को खुद से या किसी विशिष्ट विक्रेता से किताबें, पाठ्य सामग्री, स्कूल ड्रेस व अन्य सामान खरीदने के लिए किसी भी प्रकार से बाध्य नहीं करेगा। सरकार के इस आदेश की अवहेलना करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, नए सत्र से पहले निजी स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर कम से कम पांच दुकानों की सूची जारी करनी होगी। जहां से अभिभावक अपनी सुविधानुसार किताबें और ड्रेस खरीद पाएंगे। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस आदेश से उन सभी अभिभावकों को राहत मिलेगी जो कि निजी स्कूलों में किताबों और यूनिफॉर्म के लिए भारी-भरकम भुगतान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को कहा है कि वे किसी भी माता-पिता को महंगी शैक्षिक सामग्री और यूनिफॉर्म किसी भी स्पेसिफिक वेंडर से खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।