दिल्ली में बाढ़ के बिगड़ते हालात को देखते हुए आखिरकार केजरीवाल सरकार को सेना की मदद लेनी पड़ी। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सेना के इंजीनियरों की लगातार बिना रुके मेहनत का नतीजा ये रहा कि ITO बैराज पर जाम गेट को खोला जा सका। गोताखोर टीम ने पानी के नीचे जमा सिल्ट को कंप्रेसर की मदद से निकाला और हाईड्रा क्रेन से गेट को खींचा। तब जाकर जाम पड़ चुके एक गेट को खोला जा सके। चार और गेट खोलने की कोशिश जारी है। इस बीच दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तीन दिन पहले 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ने के बाद शुक्रवार रात दस बजे घटकर 208. 02 मीटर के स्तर पर आ गया। हालांकि, शहर के कई प्रमुख इलाके अब भी जलमग्न हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर सेना आर्मी इंजीनियर रेजिमेंट और गोताखोरों का विशेष धन्यवाद दिया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही जाम पड़ें अन्य गेट भी खोल दिए जाएंगे।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, 13 जुलाई की रात को जब यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी और निचले इलाके जलमग्न हो रहे थे, तब दिल्ली प्रशासन द्वारा भारतीय सेना से सहायता मांगी गई थी। इसके बाद सेना की टीम को इसमें लगाया गया। आईटीओ के पास एक अस्थायी बांध बनाकर दिल्ली में यमुना के पानी के बैकफ़्लो को नियंत्रित कर लिया गया। सेना मुख्यालय के दिल्ली क्षेत्र द्वारा हालात पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। इंजीनियरों की टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। उपलब्ध संसाधनों को बढ़ाने के लिए मेरठ से दो अतिरिक्त टीमें भेजी गई हैं।
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