मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जून 2024 में सेक्टर 62 के नैनीताल बैंक की शाखा का सर्वर हैक कर 16.95 करोड़ की साइबर ठगी करने मामले में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा से नाइजीरियन नागरिक समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार किया। इनके साथ दो ड्रग्स तस्कर भी गिरफ्तार किए। इनसे 50 हजार रुपये, 15 पासबुक, सात मोबाइल, लैपटाप, दो-दो इंटरनेट माडम व पासपोर्ट, नौ सिम कार्ड, तीन डेबिट कार्ड, डीएल और 20 लाख रुपये कीमत की प्रतिबंधित एमडीएमए 39.58 किलो ग्राम ड्रग्स बरामद हुई। पुलिस गिरोह में शामिल अन्य नाइजीरियन की तलाश में जुटी है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, साइबर क्राइम थाना पुलिस की नैनीताल बैंक प्रकरण में जांच चल रही है। हाल में पता चला कि ठगी की रकम में से 1.5 करोड़ रुपये गाजियाबाद के छह बैंक खातों में गए हैं। यह बैंक खाते गाजियाबाद डासना रोहन एंक्लेव के मोहम्मद शाहवेज उर्फ सानू ने खुलवाए थे। हिरासत में लेकर पता चला कि वह ग्रेटर नोएडा के बीटा टू थाना क्षेत्र के स्टेलर सिग्मा अपार्टमेंट के नाइजीरियन नागरिक उमेअलाकेई एमेका उर्फ एलेक्स के लिए काम कर रहा है। पूरी रकम बैंक खातों से निकालकर एलेक्स को दी थी। इसके एवज में दो प्रतिशत कमीशन चार्ज लिया था। शावेज के पास से तीन डायरी मिलीं। वह कई नाइजीरियन के संपर्क हैं। उनसे चैट के माध्यम से संपर्क करता था। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने दबिश देकर एलेक्स तक पहुंचीं। उसके साथ दिल्ली संगम विहार के दो सगे भाई अमित गुप्ता व दीपक गुप्ता भी पकड़ लिया। दोनों एलेक्स के पास ड्रग्स खरीदने आए थे। पुलिस को पूछताछ में एलेक्स के बारे में पता चला कि वह दस साल से भारत में जगह बदल-बदल कर रह रहा है। उत्तर-पूर्व राज्य की रहने वाली महिला से विवाह कर चुका है। उसके दो बच्चे भी हैं। वह 2023 में दिल्ली में ड्रग्स तस्करी के मुकदमे मेें जेल जा चुका है। जेल से बाहर आने के बाद से साइबर अपराध और ड्रग्स तस्करी कर रहा है। डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि जुलाई 2024 में नैनीताल बैंक के आइटी प्रबंधक सुमित कुमार श्रीवास्तव ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। जांच में पता चला कि साइबर ठगों ने बैंक का सर्वर हैक कर आरटीजीएस से 16.95 करोड़ रुपये 84 बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए थे। पुलिस ने चार्टेड अकाउंटेंट शुभम बंसल, उसके भाई हर्ष बंसल और खाते उपलब्ध कराने वाले कुलदीप को आरोपित बनाया था। हर्ष और कुलदीप अभी भी जेल में हैं जबकि शुभम जमानत पर बाहर है। तीनों सीमेंट की फर्जी फर्म के नाम पर खाता खुलवाकर करीब एक करोड़ रुपये ट्रांसफर कराए थे।
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