नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 76 आरोपी गिरफ्तार

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नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 76 आरोपी गिरफ्तार

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर 63 थाना पुलिस, क्राइम रेस्पांस टीम (सीआरटी) व स्वाट टीम ने सेक्टर 63 के ए ब्लॉक में डेढ़ माह से चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का शुक्रवार को भंडाफोड़ किया। सेंटर से चार सरगना समेत नौ महिला और 67 पुरुषों को गिरफ्तार किया। आरोपित विदेशी नागरिकों को फर्जी पार्सल भेजने, टेक सपोर्ट व लोन दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे थे। नागरिकों से गिफ्ट कार्ड, चेक आदि की डिटेल लेकर ब्लॉगर के माध्यम से धनराशि ठग रहे थे। कॉल सेंटर कर्मियों को हवाला के माध्यम से धनराशि मिल रही थी। वहीं चार में से तीन संचालक फर्जी काल संचालन को लेकर पूर्व में भी जेल जा चुके हैं। डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्तिमोहन अवस्थी ने बताया कि गोपनीय सूचना के आधार पर सीआरटी, स्वाट व सेक्टर 63 थाना पुलिस टीम ने सेक्टर 63 के ए ब्लॉक में भूखंड संख्या 199 पर चल रही इंस्ट्रा सालूशन नाम के कल सेंटर पर धावा बोला था। मौके से नौ महिला व 67 पुरुष स्टाफ को गिरफ्तार किया। गुजरात वडोदरा प्रकाश नगर, थाना करोली बाग के कुरुनाल रे, अहमदाबाद सोनू पार्क सोसायटी थाना वटवा के सौरभ राजपूत, वडोदरा निर्मला अपार्टमेंट फुलवाड़ी थाना फतेहगंज के साजिद अली व वडोदरा अलीमान मधुनगर थाना गौरवा के सादिक ठाकुर चारों पार्टनर ही सरगना हैं। गुजरात, नार्थ ईस्ट, मुंबई, यूपी, पंजाब, पश्चिम बंगाल के रहने वाले अन्य आरोपित स्टाफ के रूप में काम कर रहे थे। पूर्व में कुरुनाल, सौरभ, साजिद फर्जी कॉल सेंटर संचालन मामले में जेल जा चुके हैं। स्टाफ कर्मी अमेजन के फर्जी पार्सल डिलीवर होने के नाम पर पता चेंज करने, कंप्यूटर सिस्टम पर वायरस आने के नाम पर टैक सपोर्ट देने और पे-डे कंपनी के नाम पर लोन दिलाने के नाम विदेशी नागरिकों को काल कर संपर्क करते थे। स्टाफ की सैलरी 12 हजार से 36 हजार रुपये निर्धारित थी। कॉल सक्सेस होने पर काल सेंटर संचालक 100 डॉलर इनसेंटिव देते थे। सैलरी और इनसेंटिव हवाला के जरिये मिल रहा था।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पूछताछ में बताया कि चारों पार्टनर यूएस के शातिरों से स्काईप एप के माध्यम से विदेशी नागरिकों का लोन संबंधित व्यक्तिगत डाटा खरीदते थे और यूएसडीटी में पमेंट करते थे। आरोपित डाटा काल सेंटर के स्टाफ को मुहैया कराते। लोगों से सर्विस के नाम पर एप्पल, ई-बे, वालमार्ट गिफ्टकार्ड के माध्यम से पेमेंट लेते। आरोपित लोन लेने वाले विदेशी लोगों को मैसेज भेजकर संपर्क करते। लोन कराने के नाम पर 100 डालर पंजीकरण व 500 डालर पेमेंट होने के नाम पर चार्ज करते। फोटो खींचकर लोन होने का फर्जी चेक भेज देते थे। खाते में पैसा आने से पहले ही सर्विस चार्ज वसूल कर लेते। विदेशी लोगों के सिस्टम पर बग का मैसेज भेजते और माइक्रोसाफ्ट अधिकारी व स्टाफ बताकर टेक सपोर्ट देते। सर्विस के नाम पर पीड़ित को एक कमांड बताते और पमेंट प्राप्त कर लेते। विदेशी नागरिकों को वाइस नोट भेजते कि आपका पार्सल रेडी टू डिलीवर है। ग्राहकों के मना करने पर अकाउंट चोरी होने की बात कहते और नया एकाउंट बनाने के नाम पर पमेंट लेते।

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