मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पटना हाई कोर्ट ने जेल में बंद बालू कारोबारी सुभाष प्रसाद यादव को कोडरमा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए दिए गए 22 अक्टूबर को पारित आदेश को वापस ले लिया। न्यायाधीश अरविंद सिंह चंदेल की एकलपीठ ने गुरुवार को सुभाष प्रसाद यादव की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए हैरानी जताई कि ईडी को बगैर पक्षकार बनाए ही याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि दिनांक 22.10.2024 का आदेश आवश्यक पक्ष अर्थात ईडी को सुने बिना पारित किया गया है, इसलिए आदेश वापस लिया जाता है।” उल्लेखनीय है कि सुभाष कोडरमा में राजद के घोषित प्रत्याशी हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश की अनुमति से किसी अन्य कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि 22 अक्टूबर को कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कोडरमा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने हेतु नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश करने का आदेश पुलिस प्रशासन को दिया था। साथ ही बेउर आदर्श जेल से निर्वाची अधिकारी के पास ले जाने और वापस लाने में हुई पूरा खर्च आवेदक से वसूलने का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने कोर्ट में अर्जी दायर कर इस आदेश में बदलाव के लिए गुहार की थी। मामले पर सुनवाई के दौरान ईडी एवं राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आवेदक ईडी केस में गिरफ्तार हैं और इस केस में बगैर ईडी को पक्षकार बनाए कोर्ट से आदेश ले लिया गया है। वही आवेदक की ओर से इसका विरोध किया गया कहा गया कि भले ही ईडी ने आवेदक को गिरफ्तार किया है, लेकिन मौजूदा समय में वे न्यायिक हिरासत में है। ऐसे में ईडी को पक्षकार बनाना जरूरी नहीं है। तथ्यों का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने ने अपने पूर्व के आदेश को वापस लेते हुए ईडी को प्रतिवादी बनाने का आदेश आवेदक के अधिवक्ता को दी। इस मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष वरीय वाईवी गिरि ऐवं सूरज समदर्शी ने रखा।
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