मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मजबूत बैंकिंग तंत्र के द्वारा ही प्रदेश को तेजी से विकास के पथ पर बढ़ाया जा सकता है। सभी बैंकर्स शासन की योजनाओं का लक्ष्य प्राप्त करने में अपना सक्रियता से योगदान दें और बैंकिंग कार्य-प्रणाली को मजबूत बनाएँ। पात्र वंचित किसानों को अभियान चलाकर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) प्रदान किए जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की विशेष बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। रिजर्व बैंक के डिप्टी गर्वनर श्री महेश कुमार जैन, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी सहित बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।a
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी में मध्यप्रदेश तेजी से योगदान देना चाहता है। इसके लिए लोगों की आमदनी बढ़ाने के प्रयास होने चाहिए। आमदनी बढ़ेगी तो अर्थ-व्यवस्था भी तेजी से बढ़ेगी। शासकीय योजनाओं के लक्ष्य माहवार तय कर लिए जाएँ और उन्हें पूरा करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लोगों के लिए वरदान है। पीएम स्वनिधि योजना लोगों की जिंदगी बदल रही है। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह गरीब बहनों की जिंदगी बदलने का क्षेत्र है। जन-धन योजना के शेष खाते खोलने का लक्ष्य पूरा करें। स्वामित्व योजना बहुत महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के लिए हितग्राहियों को प्राथमिकता से ऋण उपलब्ध करायें। बैठक में रोजगार दिवस के लिए 22 अगस्त की तिथि निर्धारित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वार्षिक साख योजना के लिए तेजी से कार्य करें। पीएम स्वनिधि योजना में निजी बैंकों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी हो। सीएम हेल्प लाइन की बैंक से संबंधित लंबित शिकायतों का निराकरण तेजी से हो। बैंकर्स गरीबों के कल्याण के लिए कार्य करें। बैंकों को जनता का मित्र बनायें। गरीब आदमी भी आसानी से बैंकों की सुविधा का लाभ ले सके। उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ बैंकर्स लक्ष्य पूरा करने में योगदान दें। मध्यप्रदेश आगे बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर श्री महेश कुमार जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए बैंकर्स की भूमिका महत्वपूर्ण है। भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनामी के लिए मध्यप्रदेश का योगदान बेहतर होना चाहिए। यहाँ संसाधनों एवं कुशल नेतृत्व की कमी नहीं है। औद्योगिक क्षेत्र को आगे लाकर राज्य आगे बढ़े। मांग के अनुरूप कदम उठाएँ। मध्यप्रदेश ने जिलेवार वित्तीय समावेशन रिपोर्ट प्रस्तुत कर अच्छा कदम उठाया है। प्रदेश में बैंक सखी की अच्छी शुरूआत हुई है। इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है। प्रदेश के 14 जिलों में सीडी रेशियो कम है, जिसे बढ़ाया जाए। ग्रामीण क्षेत्रीय बैंक और को-ऑपरेटिव बैंक इस पर ध्यान दें। बैंकिंग सुविधाएँ प्रदान करने के लिए नए विचार लाएँ। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों को आगे बढ़ाने और वित्तीय साक्षरता के अधिक प्रयास हों। हम सभी को मिल कर कार्य करने और इनोवेटिव आइडियाज की जरुरत है।
सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक श्री राजीव पुरी ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि बैंकर्स राज्य के विकास में सक्रियता से योगदान दें। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ें।