मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंटरनेट मीडिया पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के बारे में आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करने के मामले में नॉर्थ एवेन्यू थाना पुलिस ने आम आदमी पार्टी और उसके राष्ट्रीय संयोजक के खिलाफ चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में कहा गया है कि इंटरनेट मीडिया पर किए गए पोस्ट में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को निशाना बनाते हुए भड़काऊ टिप्पणी की गई है। आम आदमी पार्टी द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी करना चुनावी नैतिकता और लोकतांत्रिक मर्यादा का गंभीर उल्लंघन है। आम आदमी पार्टी, उसके संयोजक और पदाधिकारियों ने भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 175, 336(2), 336(4), 353 और 299, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66सी, 66डी के तहत दंडनीय अपराध किए हैं। इन अपराधों के अलावा उन्होंने आदर्श आचार संहिता का भी उल्लंघन किया है। एफआईआर में कहा गया है कि आप की इंटरनेट मीडिया रणनीति जानबूझकर इन अनुचित और अनधिकृत एनिमेटेड प्रस्तुतियों के माध्यम से जनता की भावनाओं को भड़काने के लिए बनाई गई है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दूसरी एफआईआर 13 जनवरी को आप और राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दर्ज की गई है। इस एफआईआर में कहा गया है इंटरनेट मीडिया पोस्ट जो आम आदमी पार्टी द्वारा बनाई और साझा की गई, उसमें गृहमंत्री की विकृत और मनगढ़ंत आवाज शामिल है जो गलत सूचना फैलाती है और इसे आम आदमी पार्टी, इसके संयोजक द्वारा प्रसारित किया गया है। पोस्ट के जरिए नफरत फैलाने और दिल्ली के नागरिकों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने की कोशिश की गई। गृहमंत्री की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश की गई। आप ने एनिमेटेड सामग्री बनाकर और प्रसारित करके राजनीतिक प्रवचन की सभी सीमाओं को पार कर दिया। गृह मंत्री के एनिमेटेड कैरिकेचर बनाने का यह कार्य राजनीतिक औचित्य का घोर उल्लंघन है। तीसरी एफआईआर में कहा गया है कि नौ और 10 जनवरी को किए गए पोस्ट में विशेष रूप से प्रधानमंत्री को लक्षित करने और उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया गया। उक्त पोस्ट भी आम आदमी पार्टी द्वारा बनाया और साझा किया गया था, जिसमें प्रधान मंत्री की विकृत और मनगढ़ंत तस्वीर शामिल है जो गलत सूचना फैलाती है और इसे आम आदमी पार्टी, उसके संयोजक और अधिकारियों द्वारा नफरत फैलाने के इरादे से प्रसारित किया गया। आप से जुड़े एक्स अकाउंट के खिलाफ चौथी एफआईआर में राम गुप्ता नाम के व्यक्ति का जिक्र है जिसने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास को ‘राजमहल’ बताया। एफआईआर में कहा गया है कि प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास में प्रधानमंत्री के सूट, जूते, चश्मा, स्कार्फ आदि रखने के लिए अलग-अलग लक्जरी कमरे हैं। यह भी दावा किया गया कि प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण में 2,700 करोड़ रुपये खर्च किये गये। उक्त ट्वीट पूरी तरह से फर्जी और मनगढ़ंत है और समाज में झूठ फैलाने और लोगों को गुमराह करने के लिए किया गया। ऐसा ट्वीट न केवल देश के लोगों को गुमराह कर रहा है बल्कि प्रधानमंत्री के लिए भी अपमानजनक है। राम गुप्ता अपने सत्यापित ट्विटर हैंडल पर उक्त ट्वीट के माध्यम से प्रधान मंत्री के खिलाफ झूठी कहानी बनाने की कोशिश की।
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