पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वैश्विक बौद्ध समिट के उद्घाटन सत्र का उद्घाटन किया। मीडिया सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार, दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के सहयोग से 20-21 अप्रैल को राजधानी के अशोक होटल में किया जा रहा है। इस दो-दिवसीय वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का विषय “समकालीन चुनौतियों के प्रतिक्रिया : दर्शन से अभ्यास तक” है। इस शिखर सम्मेलन में लगभग 30 देशों के लगभग 171 प्रतिनिधि और भारतीय बौद्ध संगठनों के 150 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। दुनिया भर के प्रतिष्ठित विद्वान, संघ के नेता और धर्म के अनुयायी भी इसमें भाग लिया। इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘बुद्ध व्यक्ति से आगे बढ़कर एक बोध हैं। बुद्ध स्वरूप से आगे बढ़कर एक सोच हैं। बुद्ध चित्रण से आगे बढ़कर एक चेतना हैं। पीएम मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘अमृतकाल में भारत के पास अपने भविष्य के लिए विशाल लक्ष्य भी हैं और वैश्विक कल्याण के नए संकल्प भी हैं। भारत ने आज अनेक विषयों पर विश्व में नई पहल की हैं और इसमें हमारी बहुत बड़ी प्रेरणा भगवान बुद्ध हैं।
मीडिया सूत्रो की माने तो, पीएम मोदी ने इसके साथ ही कहा, ‘हमने भगवान बुद्ध के मूल्यों का निरंतर प्रसार किया है। बुद्ध का मार्ग है- परियक्ति, परिपत्ति और परिवेध… पिछले 9 वर्षों में भारत इन तीनों ही बिंदुओं पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने ने कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसा संकट इसलिए आया क्योंकि पिछली शताब्दी में कुछ देशों ने आने वाली पीढ़ियों के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने आगे कहा कि आज हर व्यक्ति का हर काम किसी न किसी रूप में धरती को प्रभावित कर रहा है। चाहे वह हमारी लाइफस्टाइल ही क्यों न हो इसका भी प्रभाव पृथ्वी पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हम चाहें तो इस संकट से पृथ्वी को उभार सकते हैं। हर व्यक्ति जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से लड़ सकता है। लोगों को जागरूक होकर प्रयास करने की जरूरत है। प्रयास से इस बड़ी समस्या से निपटा जा सकता है। यही तो बुद्ध का मार्ग है। मीडिया की माने तो, इस दौरान आपदाओं को लेकर भी पीएम मोदी ने बात की, अलग-अलग देशों में शांति अभियान हों या तुर्किए में भूकंप जैसी आपदा हो। भारत अपना पूरा सामर्थ्य लगाकर हर संकट में सभी के साथ खड़ा होता है। पीएम ने इसके साथ ही कहा कि समस्याओं से समाधान की यात्रा ही बुद्ध की यात्रा है। उन्होंने कहा, ‘हमें विश्व को सुखी बनाना है तो स्व से निकलकर संसार, संकुचित सोच को त्यागकर समग्रता का ये बुद्ध मंत्र ही एकमात्र रास्ता है। आज ये समय की मांग है कि हर व्यक्ति की, हर राष्ट्र की प्राथमिकता, अपने देश के हित के साथ ही विश्व हित भो हो।’ पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि बुद्ध के बताए रास्ते से ही इसका समाधान निकलेगा। पीएम मोदी ने कहा, ‘आज दुनिया जिस युद्ध और अशांति से पीड़ित है, बुद्ध ने सदियों पहले इसका समाधान दिया था। आधुनिक विश्व की ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका समाधान सैकड़ों वर्ष पहले बुद्ध के उपदेशों से हमें प्राप्त न हुआ हो। पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं। जहां बुद्ध की करुणा हो, वहां संघर्ष नहीं समन्वय होता है, अशांति नहीं शांति होती है।
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