भारत को ओलंपिक फाइनल तक पहुंचाने वाली देश की पहली महिला एथलीट पीटी उषा की है, जिन्होंने 50 और 60 के दशक में कई उपलब्धियां हासिल की उसने तिरंगे की शान बढ़ाई। मीडिया की माने तो, पीटी उषा आज अपना 59वां बर्थडे मना रही है भारत की उड़न परी। दरअसल, भारत के ट्रैक एंड फील्ड इतिहास में पुरुष वर्ग में मिल्खा सिंह ने जो उपलब्धियां हासिल की, वहीं महिला वर्ग में पीटी उषा ने हासिल की है।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पी. टी. उषा को ‘पय्योली एक्स्प्रेस’ और ‘गोल्डन गर्ल’ भी कहा जाता है। उन्हें अक्सर “भारतीय ट्रैक और फील्ड की रानी” कहा जाता है। आज पी. टी. उषा जी का जन्मदिवस है। इनका जन्म 27 जून 1964 में केरल के कुट्टली, कोझीकोड में हुआ था। इनका पूरा नाम पिलाउल्लाकांडी थेक्केपरांबिल उषा हैं। वह 1979 से भारतीय एथलेटिक्स से जुड़ी हुई हैं। मीडिया सूत्रों की माने तो, पी. टी उषा को पहली बार 1977 में एक एथलेटिक्स कोच ओ. एम. नांबियार ने एक खेल पुरस्कार वितरण समारोह में देखा था। उसी वर्ष, उन्होंने उसे कोचिंग देना शुरू किया। त्वरित परिणाम तब मिले जब उन्होंने 1978 में कोल्लम में जूनियर्स के लिए अंतर-राज्यीय मीट में छह पदक जीते, जिसमें 100 मीटर, 200 मीटर, 60 मीटर बाधा दौड़ और ऊंची कूद में चार स्वर्ण पदक, लंबी कूद में रजत और 4×100 मी. रिले में कांस्य पदक शामिल थे। इसी साल केरल के स्टेट कॉलेज मीट में, उन्होंने 14 पदक जीते। उन्होंने 1979 के राष्ट्रीय खेलों और 1980 के राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय मीट में कई पदक जीते और कई मीट रिकॉर्ड बनाए।
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