प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन यूरोपीय देशों जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की सफल यात्रा के बाद आज दिल्ली लौट आए। वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री की यह पहली विदेश यात्रा थी। जर्मनी की राजधानी बर्लिन में श्री मोदी ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और दोनों नेताओं ने छठे भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श बैठक की अध्यक्षता की। जर्मनी में दिसम्बर में नई सरकार के कामकाज संभालने के बाद दोनों देशों के बीच पहली अन्तर सरकारी विचार-विमर्श बैठक थी। यात्रा के दौरान श्री मोदी और श्री शोल्ज़ ने संयुक्त रूप से एक व्यावसायिक कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधान मंत्री ने जर्मनी में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया और उनसे बातचीत की।
यात्रा के दूसरे चरण में श्री मोदी डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन पहुंचे और दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन से द्विपक्षीय वार्ता और क्वीन मार्ग्रेट-द्वितीय से भेंट की। प्रधानमंत्री की डेनमार्क यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने प्रगति की समीक्षा की और बहुआयामी सहयोग को और प्रगाढ बनाने के तौर-तरीकों को परखने का अवसर मिला। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने भारत-डेनमार्क व्यापार मंच में भी भाग लिया और भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के दौरान श्री मोदी ने अन्य नॉर्डिक नेताओं – आइसलैंड के प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्सडॉटिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन के साथ भी बातचीत की। शिखर सम्मेलन में महामारी के बाद आर्थिक बहाली, जलवायु परिवर्तन, नवाचार और प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य और आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग जैसे विषयों पर विशेष रूप से चर्चा हुई। पहला भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2018 में स्टॉकहोम में हुआ था। कल अपनी वापसी यात्रा पर श्री मोदी कुछ समय के लिए पेरिस में रुके और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की।
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