मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र ने शुक्रवार को बताया कि फर्जी कागजातों के जरिये लिए गए अब तक 1.77 करोड़ मोबाइल कनेक्शन काटे गए हैं। इन कनेक्शन की पहचान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के जरिये की गई है। इसके अलावा चार दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सहयोग से एक उन्नत प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू किया है, जिसके तहत अब तक 45 लाख फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल्स को भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में आने से रोका गया है। दूरसंचार मंत्रालय ने कहा कि अगले चरण में एक केंद्रीकृत प्रणाली स्थापित की जा रही है जो सभी टीएसपी में शेष बची फर्जी काल्स को समाप्त कर देगी। इस प्रणाली के जल्द शुरू होने की उम्मीद है। डीओटी ने एक उन्नत प्रणाली शुरू की है। यह अंतरराष्ट्रीय फर्जी काल्स की पहचान करने और उन्हें उपभोक्ताओं तक पहुंचने से पहले ब्लाक करने के लिए तैयार की गई है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंत्रालय ने बताया कि 1.77 करोड़ में से 33.48 लाख मोबाइल कनेक्शन ऐसे जिलों में बंद किए गए हैं जो साइबर क्राइम का हाटस्पाट हैं। इन जिलों में साइबर क्राइम में शामिल 49,930 मोबाइल हैंडसेंट भी ब्लॉक किए गए हैं। 77.61 लाख मोबाइल कनेक्शन ऐसे लोगों के बंद किए गए हैं जिन्होंने निर्धारित सीमा से अधिक मोबाइल कनेक्शन ले रखे थे। साइबर क्राइम या धोखाधड़ी संबंधित गतिविधियों से जुड़े कुल 2.29 लाख मोबाइल फोन ब्लॉक किए गए हैं। अब तक पंजीकृत कुल चोरी या गुम हुए 21.03 मोबाइल फोन में से 12.02 लाख का पता लगाया जा चुका है। बैंक और पेमेंट वालेट ने करीब 11 लाख ऐसे खाते बंद किए हैं जो बंद मोबाइल कनेक्शन से जुड़े थे।
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