बंगलादेश में अल्पसंख्यक संगठनों ने अलग आयोग बनाए जाने, भेद-भाव रोधी कानून और अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों के संरक्षण की मांग करते हुए कल राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया। बंगलादेश हिन्दू बौद्ध इसाई एकता परिषद के नेतृत्व में आयोजित इस रैली में 35 से अधिक धार्मिक- राजनीतिक संगठन शामिल हुए। ढ़ाका के अलावा चटगांव और अन्य स्थानों पर भी रैलियां हुई।
प्रदर्शनकारियों ने 2018 के संसदीय चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के चुनाव घोषणा पत्र में अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने का वायदा पूरा करने की मांग की। प्रदर्शनकारी नेताओं ने कहा कि देश में असुरक्षा का माहौल अल्पसंख्यकों को पलायन के लिए बाध्य कर रहा है। बंगलादेश महिला परिषद की सचिव दिपाली चक्रवर्ती ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से सांप्रदायिक तत्वों से कड़ाई से निपटने और 2018 का चुनावी वायदा पूरा करने की अपील की। एकता परिषद ने मांगें नहीं माने जाने पर 22 अक्तूबर को सामूहिक भूख हड़ताल करने की घोषणा की है।
इससे पहले बंगलादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमलों की एक और घटना में शुक्रवार को एक फेसबुक पोस्ट को लेकर नरैल जिले के दिघालिया गांव में हिन्दू समुदाय के घरों और दूकानों को आग लाग दी गई थी।
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