मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में यात्राकाल के दौरान उमडऩे वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए धामों की धारण क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को अपने आवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए कि चारधाम में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत इनकी धारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जाएं। साथ ही अगले वर्ष होने वाली चारधाम यात्रा के लिए अभी से तैयारियां करने को कहा। उन्होंने चारधाम समेत अन्य धार्मिक यात्राओं व मेलों के प्रबंधन एवं संचालन के लिए यात्रा प्राधिकरण के गठन को सभी प्रक्रिया 30 जनवरी तक पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। साथ ही कहा कि इस संबंध में 15 जनवरी तक तीर्थ पुरोहितों व हितधारकों से सुझाव भी लिए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य के मान-सम्मान से जुड़ी है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यात्रियों की हर प्रकार की सुविधा के साथ ही धारण क्षमता और यात्रा मार्गों पर विभिन्न व्यवस्था समेत सभी पहलुओं को ध्यान में रख अभी से तैयारियां की जाएं। यात्रा प्रबंधन के लिए हितधारकों से सुझाव लेना बेहतर रहेगा। सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए डिजिटल तकनीकी का बेहतर उपयोग करने के साथ ही यात्रा पंजीकरण की व्यवस्था मजबूत होनी चाहिए। इसके लिए अभी से पूरी कार्ययोजना बनाकर कार्य करना होगा। उन्होंने यात्रा मार्गों पर वाहनों के रुकने के स्थलों पर पार्किंग, होटल, पेयजल, स्वच्छता जैसे विषयों पर ध्यान देने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने यात्रा प्राधिकरण (उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद) को लेकर भी अधिकारियों से चर्चा की। साथ ही निर्देश दिए कि हितधारकों से सुझाव लेकर प्राधिकरण के गठन की सभी प्रक्रिया 30 जनवरी तक पूरी कर ली जाएं, ताकि इसे आकार दिया जा सके। प्राधिकरण, सालभर अपने अधीन आने वाली यात्राओं व मेलों के प्रबंधन एवं सुव्यवस्थित संचालन को कदम उठाएगा।
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