मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश में तख्तापलट के करीब 3 महीने बाद रविवार को नए चुनाव आयुक्तों ने शपथ ली। नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नसीरुद्दीन के साथ चार अन्य चुनाव आयुक्तों ने अपना पदभार संभाला। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के खिलाफ जब छात्रों का प्रदर्शन हुआ था तब चुनाव आयोग वे इस्तीफा दे दिया था। चीफ जस्टिस सैयद रेफात अहमद ने सुप्रीम कोर्ट के जज लाउंज में एक समारोह में इस नए आयोग को शपथ दिलाई। इस मौके पर हाईकोर्ट के जज और अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद थे। बता दें कि यह शपथ ग्रहण समारोह ऐसे समय में हुआ है जब अंतरिम सरकार की एक समिति ने चुनाव आयोग के नए प्रमुख और अन्य सदस्य के नामों की सिफारिश की थी। इस समिति के सदस्यों में पूर्व सरकारी कर्मचारी, सैन्य अधिकारी और निचली न्यायपालिका के जज शामिल हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की बात करें तो वह एक रिटायर्ड सरकारी सचिव हैं। चुनाव आयोग के चार अन्य सदस्यों में रिटायर्ड जिला न्यायधीश मोहम्मद अनवरुल इस्लाम सरकार और अब्दुर रहमानेल मसूद, सेवानिवृत्त सरकारी सचिव बेगम ताहमिदा अहमद और सेवानिवृत्त सेना के ब्रिगेडियर जनरल अबुल फजल मोहम्मद सना उल्लाह शामिल हैं। राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने 21 नवंबर को नए आयोग की नियुक्ति की थी। यह आयोग 5 सितंबर से खाली था जब पूर्व चुनाव आयोग के सदस्यों ने शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद अपने इस्तीफे दे दिए थे। अधिकारियों ने बताया कि 1972 में स्थापित होने के बाद से आयोग इस तरह लंबे समय तक खाली कभी नहीं रहा। अंतरिम सरकार ने 29 अक्टूबर को एक छह सदस्यीय खोज समिति का गठन किया था, जिसमें सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के जज जुबायर रहमान चौधरी को अध्यक्ष बनाया गया था। समिति को आयोग के प्रत्येक सदस्य के लिए दो व्यक्तियों के नाम सुझाने का कार्य सौंपा गया था।
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