हिसार : मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा में इस बार मानसून के मौसम में सामान्य से 48 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। पहाड़ों में हुई तेज बरसात के चलते नदियां और नाले उफान पर आ गए थे, हालांकि हथिनीकुंड बैराज के सभी गेट बंद होने से अब राहत की उम्मीद है।
राज्य सरकार ने बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 15 सितंबर तक खोल दिया है। इस पोर्टल पर अब तक लगभग 25 हजार किसानों ने 1 लाख 45 हजार एकड़ क्षेत्र का नुकसान दर्ज कराया है। सरकार ने तत्काल राहत उपायों के लिए 3.06 करोड़ रुपये की राशि भी जिलों को जारी की है।
किसानों के लिए खोला गया पोर्टल
प्रदेश सरकार ने प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए 15 सितंबर तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला है। इस पोर्टल पर किसान अपनी खराब हुई फसलों का पंजीकरण करवा सकते हैं। अभी तक 25 हजार किसानों ने 1.45 लाख एकड़ क्षेत्र का नुकसान दर्ज कराया है। कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने बताया कि केवल हिसार जिले के 276 गांव पोर्टल पर शामिल किए गए हैं।
राहत राशि और इंतजाम
राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों को तत्काल राहत कार्यों के लिए 3.06 करोड़ रुपये की आरक्षित निधि जारी की है। इसका उपयोग प्रभावित परिवारों के भोजन, वस्त्र, अस्थायी आश्रय, तंबू, पशुओं के चारे और पेट्रोल-डीजल जैसी आवश्यकताओं के लिए किया जाएगा। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में अस्थायी शिविर भी स्थापित किए हैं।
सरकार की सख्त निगरानी
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और मंत्री विपुल गोयल खुद हालात की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी मंत्री और अधिकारी बाढ़ जैसी स्थिति पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं और किसानों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।
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News & Image Source: khabarmasala