बिहार के 14 जिलों में तेज बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट

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बिहार के 14 जिलों में तेज बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट
(Representative Image)

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश के मौसम में बदलाव जारी है। पटना समेत आसपास इलाकों में दिन में धूप के साथ हवा में आर्द्रता बढ़ने से उमस जैसी स्थिति बनी रही। आंशिक रूप से बादल छाए रहे। दिन भर खिली धूप और पुरवा चलने पटना का अधिकतम तापमान शुक्रवार को सामान्य से तीन डिग्री ऊपर चढ़ने के साथ 30.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 31.8 डिग्री सेल्सियस के साथ मधुबनी प्रदेश में सबसे गर्म स्थान रहा। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के 14 शहर के गया, नवादा, जमुई, बांका, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, खगड़िया, सहरसा, सुपौल , अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, पूर्णिया के एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन व वज्रपात को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान किसान खेतों में जाने से बचें।  पटना समेत शेष जिलों का मौसम शुष्क बना रहेगा। 48 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पटना सहित 25 शहरों के न्यूनतम तापमान व अधिसंख्य भागों के अधिकतम तापमान अपने सामान्य से ऊपर बना रहा। पटना का न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस व 12.5 डिग्री सेल्सियस के साथ अगवानपुर (सहरसा) में प्रदेश का सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। प्रदेश का अधिकतम तापमान सामान्य से दो से सात डिग्री ऊपर बना रहा जबकि न्यूनतम तापमान तीन से पांच डिग्री ऊपर रहा। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। तापमान में विशेष वृद्धि के आसार नहीं है। मौसम के रूख बदलते ही घर-घर बीमारियों का डेरा हो गया है। दिन में धूप और रात में सर्दी ने जुकाम, खासी, बुखार और संक्रामक बीमारियों से पीड़ित होने वालों की संख्या बढ़ा दी है। अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या से भी इस बात की पुष्टि हो रही है कि मौसम ने रंग बदलना शुरू कर दिया है। डॉक्टर ने बताया कि जब मौसम बदल रहा हो, उस समय सावधानी बरतने की जरुरत है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदेह होता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को इस मौसम से ज्यादा परेशानी होती है। उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में वे इस मौसम से अधिक प्रभावित होते हैं। सरकारी अस्पतालों के आंकड़ों पर गौर करें तो इस समय पहुंचने वाले अधिकतर मरीज सर्दी-खांसी, बुखार और वदन दर्द की शिकायत लेकर ही पहुंच रहे हैं। इसके अलावा एलर्जी के मरीजों और सांस के रोगियों की समस्या भी बढ़ गई है।

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