मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की अंतिम समय सीमा से करीब दो सप्ताह पहले ही 66 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। राज्य के कुल 7 करोड़ 89 लाख मौजूदा मतदाताओं में से कल शाम 6 बजे तक 5 करोड़ 22 लाख मतदाताओं के गणना फॉर्म एकत्र किए जा चुके थे।
ये पुनरीक्षण अभियान 24 जून को शुरू हुआ था। निर्वाचन आयोग ने इस प्रगति का श्रेय मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी और 77 हजार 895 बूथ स्तरीय अधिकारियों-बीएलओ, 20 हजार से अधिक नवनियुक्त बीएलओ और चार लाख से अधिक स्वयंसेवकों के समन्वित प्रयास को दिया है, जो इस प्रक्रिया में बुजुर्ग, दिव्यांग, बीमार और कमजोर मतदाताओं की मदद कर रहे हैं। इसके अलावा सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1 लाख 56 हजार बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) भी इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं।
इस अभियान के लिए लगभग 7 करोड 90 लाख फॉर्म छापे गए थे और लगभग 98 प्रतिशत – यानी लगभग 7 करोड़ 71 लाख उन मतदाताओं को वितरित किए जा चुके हैं जिनके नाम 24 जून तक मतदाता सूची में शामिल थे। निर्वाचन आयोग ने कहा कि अगर मौजूदा गति बनी रही तो यह संग्रह कार्य 25 जुलाई की समय सीमा से पहले पूरा हो सकता है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कल निर्वाचन आयोग को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है। हालाँकि, शीर्ष अदालत ने निर्वाचन आयोग से कहा कि न्याय के हित में, चुनाव आयोग को चल रही पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान आधार, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे प्रमुख पहचान दस्तावेजों को स्वीकार करने पर भी विचार करना चाहिए।
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News & Image Source: newsonair.gov.in



