प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आईटीआई के कौशल दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा है कि, बीते 8 वर्षों में देश ने भगवान विश्वकर्मा की प्रेरणा से नई योजनाएं शुरू की हैं, ‘श्रम एव जयते’ की अपनी परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास किया है। आज देश एक बार फिर स्किल को सम्मान दे रहा है, स्किल डवलपमेंट पर भी उतना ही जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि, विश्वकर्मा जयंती, ये कौशल की प्राण प्रतिष्ठा का पर्व है। जैसे मूर्तिकार कोई मूर्ति बनाता है, लेकिन जब तक उसकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती, वो मूर्ति भगवान का रूप नहीं कहलाती।
पीएम मोदी ने कहा कि, युवा जब स्किल के साथ सशक्त होकर निकलता है, तो उसके मन में ये विचार भी होता है कि कैसे वो अपना काम शुरू करें। स्वरोजगार की इस भावना को सहयोग देने के लिए, आज आपके पास बिना गारंटी लोन दिलाने वाली मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं की ताकत भी है। उन्होंने आगे कहा कि, आज एक नया इतिहास रचा गया है। पहली बार ITI के 9 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को कौशल दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया है। 40 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स हमारे साथ वर्चुअल माध्यम से भी जुड़े हुए हैं। आप सभी को कौशल दीक्षांत समारोह का बहुत बहुत बधाई देता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि, अगर बात स्किल की होती है तो आपका मंत्र होना चाहिए- स्किलिंग, री-स्किलिंग और अपस्किलिंग।
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