भारत की अध्यक्षता में जी-20 देशों के ऊर्जा अंतरण कार्यसमूह की पहली बैठक आज बेंगलूरू में शुरू हुई। इस अवसर पर विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह तथा कोयला और खान तथा संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी उपस्थित थे। बैठक 7 फरवरी तक चलेगी।केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने आशा व्यक्त की कि तीन दिन के इस कार्यक्रम में ऊर्जा उपलब्धता, ऊर्जा सुरक्षा तथा ऊर्जा अंतरण पर व्यापक विमर्श किया जाएगा और विश्व में हरित ऊर्जा के समावेशी विकास के तरीकों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिगण तकनीक को साझा करने और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग के लिए आर्थिक संसाधन जुटाने पर भी विचार करेंगे।
उन्होंने भारत में ऊर्जा रुपांतरण के क्षेत्र में सफलताओं की चर्चा करते हुए कहा कि भारत, अक्षय ऊर्जा के सबसे अधिक उपयोग वाले देशों में से एक है और स्थापित ऊर्जा क्षमता के मामले में विश्व का चौथा सबसे बड़ा देश है। उन्होंने कहा कि सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग बढ़ने से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को गति मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत कम कार्बन उत्सर्जन वाले देशों में अग्रणी है।भारत वर्ष 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद में कार्बन उत्सर्जन को 45 प्रतिशत तक कम करने और लगभग 50 प्रतिशत बिजली गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा स्रोतों से बनाने के प्रति संकल्पित है। बैठक में, जी-20 और अतिथि देशों से आए प्रतिनिधियों के अलावा विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, स्वच्छ ऊर्जा मंत्रालयों, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन तथा अन्य संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। बैठक में शामिल प्रतिनिधि इन्फोसिस के हरित भवन परिसर और पावागढ़ में मेगा सोलर पार्क भी जाएंगे जहां उन्हें भारत में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की झलक मिलेगी।
News Source : Twitter (@AIRNewsHindi)
Image Source : ANI
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi #India
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें